Pakistan Space Agency: भारत का डबल धमाका, पाकिस्तान 'कांपा', जान लीजिए इसकी वजह
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Pakistan Space Agency: भारत का डबल धमाका, पाकिस्तान 'कांपा', जान लीजिए इसकी वजह

Pakistan News: पाकिस्तान, भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के एक के बाद एक स्पेस मिशन से परेशान हो गया है. पाकिस्तानी ये तक कहने लगे हैं कि वो स्पेस में कभी भी भारत की बराबरी नहीं कर पाएंगे. इसकी वजह भी जान लीजिए.

Pakistan Space Agency: भारत का डबल धमाका, पाकिस्तान 'कांपा', जान लीजिए इसकी वजह

Pakistan In Space Sector: एक तरफ भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद के अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठा रहा है. भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) मिशन को लॉन्च करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. दूसरी तरफ, पाकिस्तानी भारत के चांद-सूरज नापने की खबरों से डिप्रेशन में जा रहे हैं. पाकिस्तानी खुलकर अपने हुक्मरानों को कोस रहे हैं और ये बयान सुनकर सेना से लेकर नेताओं के लिए मुंह छिपाना मु​श्किल हो रहा है. पाकिस्तानियों को लग रहा है कि भारत सुपर पावर बनने के करीब है. चंद्रयान और सूर्ययान जैसे भारत के मिशन बहुत जल्द उसकी तिजोरी को और ज्यादा भर देंगे.

भारत के सोलर मिशन से पाकिस्तान बेचैन

भारत एक के बाद एक कामयाबियों पर नाम लिखता जा रहा है. चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद भारत ने अपने आदित्य एल-1 मिशन की डेट फाइनल कर दी है. 2 सितंबर 2023 को भारत अपना सोलर मिशन आदित्य-एल-1 लॉन्च करने जा रहा है. इसको लेकर पाकिस्तानी टेंशन में हैं. पाकिस्तानी कह रहे हैं कि जो हमारे पड़ोसी हैं वो चांद पर चढ़ गए हैं. जो हमारे नेता हैं वो आवाम पर चढ़ गए हैं. मून मिशन पाकिस्तान के बस का नहीं है. हम कब कोई मून मिशन लॉन्च करेंगे. हम पहले पाकिस्तान स्टेबल कर लें.

बाइक से साइकिल पर आ गया पाकिस्तान

भारत ने चांद के बाद सूरज के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए भेजे जा रहे आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च का काउंटडाउन शुरू कर दिया है. दुनिया अंतरिक्ष में भारत की रफ्तार देखकर हैरान है. पाकिस्तानी सुध-बुध खो बैठे हैं. इधर चंद्रयान-3 का रोवर भी चंद्रमा के रहस्यों का खोल रहा है. पाकिस्तानियों को भी रोजाना इसका अपडेट मिल जाता है कि प्रज्ञान ने ऑक्सीजन खोज ली है. अब हाइड्रोजन की तलाश जारी है. प्रज्ञान अब लैंडर विक्रम की तस्वीर भी खींच रहा है जिसे इसरो ने साझा किया है. इधर पाकिस्तान में चर्चा है कि भारत साइकिल से चांद पर पहुंच गया लेकिन पाकिस्तान अब बाइक से साइकिल पर आ गया है.

भारत में रॉकेट युग, पाकिस्तान में साइकिल युग

चंद्रया-3 की कामयाबी के बाद पाकिस्तान में या ओवरआल इंडिया में ऐसी तस्वीरें वायरल हैं जिसमें इसरो को साइंटिस्ट साइकिल में अपने मिसाइल को लेकर जा रहे हैं. जबकि पाकिस्तान की बात करें तो पाकिस्तान में 1961 में सुपार्को के नाम से एक स्पेस एजेंसी स्टार्ट की गई थी. इंडिया में इसरो 1969 में स्टार्ट हुआ. आज वो साइकिल से चांद पर पहुंच चुके हैं और पाकिस्तान में पेट्रोल महंगा होने की वजह से लोग मोटरबाइक से साइकिल पर आने का सोच रहे हैं.

पाकिस्तान स्पेस में क्यों हुआ नाकाम?

पाकिस्तानियों ने प्रधानमंत्री मोदी की इसरो के वैज्ञानिकों को नाकामयाबी और कामयाबी दोनों में गले लगाने और पीठ थपथपाने की तस्वीरें देखी हैं और अब पाकिस्तानी अपने मुल्क के बदतर हालातों और लगातार भारत से पिछड़ने की वजह भी बता रहे हैं. पाकिस्तानियों को मानना है भारत में इसरो को साइंटिस्ट हेड करते हैं. जबकि पाकिस्तान में सेना चाहे तो होटल चलाने वाले से लेकर अपनी किसी भी जनरल को अंतरिक्ष एजेंसी की कमान सौंप सकती है.

भारत ने टैलेंट को उभारा

आप पाकिस्तान के पिछले 35-37 साल के सुपार्को के डायरेक्टर के नाम पढ़कर देखिए जरा हिस्ट्री में जाएं. आपको पता चलेगा कि लेफ्टिनेंट जनरल और रिटायर्ड जनरल जैसे लोग ही डायरेक्टर रहे. किसी साइंटिस्ट को लगाएं वहां पर तो वो काम करे ना, जो साइंटिस्ट था डॉक्टर अब्दुल कदीर खान, उसकी आप इंसल्ट करते हैं. उसका आप फुटपाथ पर बिठाकर इंटरव्यू करते हैं. उसको आप स्मगलर बनाते हैं.

पाकिस्तानियों ने माना कि अंतरिक्ष में भी सेना और पॉलिटिकल दखलंदाजी की वजह से वो चांद तक जाने की सोच भी नहीं सकते. पाकिस्तानी मानते हैं कि भारत ने बड़े-बड़े साइंटिस्ट पैदा किए हैं जिन्होंने सूर्ययान और चंद्रयान बनाए हैं लेकिन पाकिस्तान की धरती से सिर्फ बेईमान पैदा हुए हैं. पाकिस्तानियों को अब ये मानने में कोई शर्म नहीं है कि भारत इतना आगे जा चुका है कि वो जो भी चाहेगा उसे करके ही मानेगा. इसलिए ज्यादातर पाकिस्तानी मानते हैं भारत का सोलर मिशन भी कामयाब होगा.

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