Pakistan Judiciary: पाकिस्तान के चीफ जस्टिस वेतन प्राप्त करने में पहले स्थान पर हैं, सुप्रीम कोर्ट के जज दूसरे स्थान पर हैं, राष्ट्रपति तीसरे स्थान पर आते हैं, और प्रधानमंत्री को मंत्रियों और संघीय सचिवों से कम सैलरी मिलती है.
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Pakistan News: पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों, संघीय सचिवों और सांसदों के वेतन से अधिक है. द न्यूज इंटरनेशनल ने लोक लेखा समिति को प्रस्तुत आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बताया है.
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस वेतन प्राप्त करने में पहले स्थान पर हैं, सुप्रीम कोर्ट के जज दूसरे स्थान पर हैं, राष्ट्रपति तीसरे स्थान पर आते हैं, और प्रधानमंत्री को मंत्रियों और संघीय सचिवों से कम सैलरी मिलती है.
किसको कितना मिलता है वेतन?
लोक लेखा समिति में, अध्यक्ष नूर खान ने सदस्यों को सूचित किया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति का वेतन पाकिस्तानी रुपये (PKR) 896,550 है, और प्रधान मंत्री को PKR 201,574 वेतन मिलता है. वहीं, पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को 1,527,399 पाकिस्तानी रुपये मिलते हैं. सर्वोच्च न्यायालय के जजों का वेतन PKR 1,470,711 है और संघीय मंत्रियों को PKR 338,125 मिलता है.एक सांसद को PKR 188,000 वेतन मिलता है जबकि ग्रेड -22 अधिकारी को PKR 591,475 मिलता है.
द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि पीएसी ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश और अन्य सर्वोच्च न्यायालय के जजों द्वारा प्राप्त भत्तों और विशेषाधिकारों के बारे में विवरण मांगा है.
SC रजिस्ट्रार पीएसी के सामने नहीं हुआ पेश
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार मंगलवार को शीर्ष अदालत के 10 साल से अधिक के खर्च के ऑडिट के लिए पीएसी के सामने पेश नहीं हुए.समिति ने उन्हें अगले मंगलवार को होने वाली बैठक के लिए फिर से बुलाया है और पेश नहीं होने पर उनके वारंट जारी करने की चेतावनी दी है.समाचार रिपोर्ट के अनुसार, समिति के सदस्यों ने रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति पर रोष व्यक्त किया.
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, नूर खान ने कहा, ‘अगर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान लेखा अधिकारी पीएसी के सामने पेश नहीं होते हैं, तो बाकी संस्थान क्यों जवाबदेह होंगे.‘ उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार ने एक पत्र लिखा था कि अनुसूचित जाति के खातों के ऑडिट का मामला सुनवाई के अधीन है और पीएसी के दायरे में नहीं आता है और यह कानूनी रूप से समिति के सामने पेश होने के लिए बाध्य नहीं है.
पीएसी के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि नेशनल असेंबली और पाकिस्तान के चुनाव आयोग और अन्य संस्थान अपने सभी खातों के लिए इस समिति के प्रति जवाबदेह थे और उन्होंने सवाल उठाया कि पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय को जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए.
(इनपुट - ANI)