स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु बम हैं, लेकिन फायर पावर के मामले में इंडिया पाक से कहीं आगे है. बात निगरानी क्षमता और पलटवार करने की करें तो इसमें भी भारत पाकिस्तान से आगे है.
अब्दाली या हफ्त-2 : इसे हफ्त-2 मिसाइल भी कहते हैं. यह सुपरसोनिक स्पीड से उड़ने वाली शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर तक है. यह 2002 से पाकिस्तानी सेना में शामिल है. अब्दाली मिसाइल का वजन 1750 किलोग्राम, लंबाई 9.75 मीटर और मोटाई 0.56 मीटर है. यह मिसाइल अपने साथ 500 किलोग्राम की एक कन्वेंशनल हाई एक्सप्लोसिव वॉरहेड या न्यूक्लियर वॉरहेड के साथ अटैक कर सकता है. इसकी एक्यूरेसी 100 से 150 मीटर के आसपास है.
गजनवी या हफ्त-3 : यह भी पाक के खतरनाक मिसाइल में से एक है. इसे हफ्त-3 मिसाइल भी कहते हैं. पाक इसे हाइपरसोनिक मिसाइल बताता है. इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर तक है. यह अपने साथ 700 किलोग्राम तक हाई एक्सप्लोसिव परमाणु विस्फोटक लेकर उड़ान भर सकती है. यह मिसाइल 2004 से पाकिस्तानी सेना में है. गजनी मिसाइल का वजन 5256 किलोग्राम है. यह 9.64 मीटर लंबी और .99 मीटर मोटी मिसाइल है. पाकिस्तान का दावा है कि यह मिसाइल 30 मैक की स्पीड से उड़ सकती है.
शाहीन-1 और शाहीन-1ए (हफ्त-4) : शाहीन-1 को हत्फ-4 मिसाइल भी कहते हैं. यह शॉर्ट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. यह मिसाइल 750 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है. इसके दूसरा वेरिएंट शाहीन-1ए की रेंज 900 किलोमीटर है. शाहीन-1 9500 किलोग्राम तक के वॉरहेड के साथ हमला करने में सक्षम है. इसकी लंबाई 12 मीटर है. शाहीन-1 को 1999 में बनाया गया था, जबकि शाहीन-1ए को 2012 में विकसित किया गया. शाहीन-1 मिसाइल का वजन 9500 किलोग्राम, जबकि शाहीन-1ए का वजन 10000 किलोग्राम है. दोनों मिसाइल 12 मीटर लंबी और 1 मीटर मोटी है.
शाहीन-2 हफ्त-6 : शाहीन-2 पाकिस्तान की मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. इस मिसाइल को हफ्त-6 के नाम से भी जाना जाता है. इसकी मारक क्षमता 1500 से 2000 किलोमीटर है. यह अपने साथ 700 किलोग्राम तक विस्फोटक लेकर जा सकती है. शाहीन-2 की लंबाई 17.2 मीटर है और व्यास 1.4 मीटर है. इस मिसाइल का पहला प्रदर्शन मार्च 2000 में किया गया था. शाहीन-2 25000 किलोग्राम वजनी मिसाइल है. इसकी लंबाई 17.5 मीटर और चौड़ाई 1.4 मीटर है. यह मिसाइल कन्वेंशनल हाई एक्सप्लोसिव और स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर वेपन लेकर जा सकती है.
गौरी-1 ( हफ्त-5): हत्फ -5 या गौरी-1 की रेंज 1500 किलोमीटर की है. यह अपने साथ 700 किलो तक विस्फोटक ले जा सकती है. इसे पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और ईरान ने मिलकर 1980 से बनाना शुरु किया था. 1998 में इसका पहला परीक्षण किया गया और 2003 में इसे सेना में शामिल किया गया था. इसका मकसद एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विकसित करना था जो एक पेलोड ले जाने के लिए सिंगल स्टेज लिक्विड फ्यूल रॉकेट मोटर का उपयोग करता है. यह मिसाइल 700 किग्रा के परंपरागत या न्यूक्लियर वॉरहेड को 1500 किमी दूर तक लेकर जा सकता है.
बाबर मिसाइल (हफ्त-7) : हत्फ-7 बाबर क्रूज मिसाइल के नाम से भी मशहूर है. यह पाकिस्तानी सेना में शामिल पहली क्रूज मिसाइल भी है. इस मिसाइल को पारंपरिक या न्यूक्लियर वॉरहेड से लैस किया जा सकता है. यह मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है. बाबर-1 का वजन 1500 किलोग्राम है, जो 6.2 मीटल लंबी और .52 मीटर मोटी है. इसमें टर्बोजेट सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर लगा हुआ है. इसे जमीन पर स्थित किसी लॉन्च प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है.
RAAD मिसाइल : यह पाकिस्तान के सबसे खतरनाक मिसाइल में से एक है. इस हत्फ-8 को राद क्रूज मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसे पाकिस्तान की पहली एयर लॉन्च क्रूज मिसाइल माना जाता है. यह भी परमाणु वॉरहेड के अलावा पारंपरिक वॉरहेड के साथ हमला कर सकती है. अभी तक यह पाकिस्तान वायुसेना के बेड़े में हैं और अभी वही इसका इस्तेमाल करती है.
बाबर-3 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल: बाबर-3 पाकिस्तान की पहली अंडरव़ॉटर सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे जमीन या पानी के नीचे समुद्री प्लेटफॉर्म से फायर किया जा सकता है. पाकिस्तान ने इस मिसाइल का पहला परीक्षण 2005 में किया था. इस मिसाइल को 2010 में पाकिस्तानी सेना और 2018 में पाकिस्तानी नौसेना ने अपने बेड़े में शामिल किया था. बाबर-3 की रेंज 450 किलोमीटर के आसपास है. यह मिसाइल 990 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भर सकती है.
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