Cipher Case: स्पेशल कोर्ट के जज अबुअल हसनत जुल्करनैन ने शनिवार को मामले में खान और कुरैशी की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार तक स्थगित कर दी थी, क्योंकि स्पेशल कोर्ट की वैधता की इस्लामाबाद हाई कोर्ट पड़ताल कर रहा है.
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Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे एक स्पेशल जज आठ सितंबर तक छुट्टी पर चले गए हैं. सरकारी गोपनीय तथ्यों के कथित खुलासे के एक मामले में इमरान खान जेल में बंद हैं. जज के छुट्टी पर जाने के बाद इमरान खान के जमानत के सपनों को झटका लगा है. यह उनके समर्थकों के लिए भी सदमे से कम नहीं है.
स्पेशल कोर्ट के जज अबुअल हसनत जुल्करनैन ने शनिवार को मामले में खान और कुरैशी की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार तक स्थगित कर दी थी, क्योंकि स्पेशल कोर्ट की वैधता की इस्लामाबाद हाई कोर्ट पड़ताल कर रहा है. जियो न्यूज ने बताया कि जब 70 साल के इमरान के वकीलों की टीम सोमवार को अदालत परिसर पहुंची, तो उन्हें पता चला कि जस्टिस जुल्करनैन अपनी पत्नी के बीमार होने की वजह से एक हफ्ते के लिए छुट्टी पर हैं.
'मैं ड्यूटी जज नहीं हूं'
खान के वकील नईम हैदर पांजोथा ने बताया कि इसके बाद वकीलों की टीम जज राजा जवाद अब्बास के केबिन में पहुंची और उनसे जमानत अर्जी पर सुनवाई का अनुरोध किया. इस पर जज ने कहा कि वह ड्यूटी जज नहीं हैं, इसलिए ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, 'अगर इस्लामाबाद हाईकोर्ट कहे, तभी मैं इस पर सुनवाई कर सकता हूं.'
'9 मई की हिंसा तख्तापलट की कोशिश'
बता दें कि बीते दिनों पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की ओर से नौ मई को की गई हिंसा को तख्तापलट और गृहयुद्ध की कोशिश बताया था. हालांकि, काकर ने इस बात से इनकार किया कि हिंसा के आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई करने के पीछे बदला लेने का मकसद है.
अर्धसैनिक बल रेंजर्स ने जब इमरान खान को गिरफ्तार किया तो 9 मई को हिंसा भड़क गई और उन्होंने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय समेत दर्जनों सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी इमारतों पर हमला कर दिया गया था.
काकर ने कहा कि अगर देश के कानूनों का उल्लंघन करने वालों और हिंसा का सहारा लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो हमें इस मामले में एक पक्ष के रूप में देखा जाएगा.
(इनपुट-एजेंसियां)