UNSC: नरसंहार के मामलों में जवाबदेही से बचता है PAK, इस बैठक में भारत ने किया पर्दाफाश
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UNSC: नरसंहार के मामलों में जवाबदेही से बचता है PAK, इस बैठक में भारत ने किया पर्दाफाश

India at UNSC meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) की पिछली करतूतों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान में नरसंहार को छिपाने का इतिहास रहा है. ये वो देश है जो अपनी जवाबदेही से बचाव की जीती जागती मिसाल है.

फोटो: रॉयटर्स

Indian statement at UNSC meeting: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) की खिंचाई की है. भारत ने कहा है कि उसका पड़ोसी देश इस बात की जीती-जागती मिसाल है कि कैसे कोई देश नरसंहार (Genocide) और जातीय सफाये जैसे संगीन अपराधों पर अपनी जवाबदेही से बचता रहता है.

'आतंकी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब देते रहेंगे'

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर/कानूनी सलाहकार डॉ. काजल भट (Dr Kajal Bhatt) ने इस अहम बैठक में कहा कि भारत (India) सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगा. सुरक्षा परिषद में भट ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा फैलाए गए कुछ झूठ और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का जवाब देना पड़ रहा है, क्योंकि वह इस तरह की हरकत करने के आदी हैं.

भट ने कहा, ‘आज हम चर्चा कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जवाबदेही और न्याय को कैसे मजबूत किया जाए.’

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पाकिस्तान में नरसंहार का शर्मनाक इतिहास

उन्होंने ये भी कहा, ‘50 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार के पाकिस्तान के शर्मनाक इतिहास के कारण बांग्लादेश अस्तित्व में आया, जिसे कभी स्वीकारा नहीं गया, न ही कभी माफी मांगी गई और न ही कोई जवाबदेही तय की गई.’ भट ने कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir)का मुद्दा उठाए जाने के बाद परिषद के अध्यक्ष अल्बानिया की अध्यक्षता में ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जवाबदेही और न्याय को मजबूत करने’ पर खुली बहस हुई. इससे पहले, दिन में परिषद की बहस में भारत के विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने कहा कि जवाबदेही और न्याय को राजनीतिक लाभ से नहीं जोड़ा जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रतिनिधि सुरक्षा परिषद के सामने एक जीता-जागता उदाहरण पेश करते हैं कि कैसे एक देश नरसंहार और जातीय सफाये के गंभीर अपराधों को लेकर जवाबदेही से बचता रहता है. शायद इस पर विचार करने की बात कहना बहुत बड़ी मांग हो जाएगी, लेकिन वह कम से कम इतना तो कर सकते हैं कि इस परिषद की गरिमा न भंग करें.’

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‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ की गूंज

भट ने कहा कि ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के तहत ‘पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार’ में बेकसूर महिलाओं, बच्चों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों को हथियार के रूप में देखा जाता था. उन्होंने कहा, ‘तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की आबादी पर पाकिस्तान द्वारा चलाए गए आतंकी शासन में हजारों को बेरहमी से मार डाला गया, हजारों महिलाएं बलात्कार जैसी शर्मनाक घटनाओं का शिकार हुईं.’

पाकिस्तान से बस इतनी उम्मीद

भट ने कहा कि पाकिस्तान केवल यही योगदान दे सकता है कि वह भारत और उसके लोगों के खिलाफ आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करे. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के स्वरूप में हुए परिवर्तनों की बात की है. जनसांख्यिकीय परिवर्तन का एकमात्र प्रयास आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है, जिसका समर्थन उनके देश कर रहे हैं और जो जम्मू-कश्मीर में धार्मिक अल्पसंख्यकों के उनके मुताबिक चलने से इनकार करने वालों को निशाना बना रहे हैं.’

पूरा कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा

भट ने कहा , ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र-शासित प्रदेश हमेशा भारत के अभिन्न व अविभाज्य अंग थे तथा रहेंगे. इसमें वो क्षेत्र भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं. किसी भी देश की ओर से कोई भी बयानबाजी और दुष्प्रचार इस तथ्य को झुठला नहीं सकता है.’

 

 

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