पाकिस्तान में कैसे होता है चुनाव? भारत से कितना अलग और कैसे चुना जाता है वहां का पीएम
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पाकिस्तान में कैसे होता है चुनाव? भारत से कितना अलग और कैसे चुना जाता है वहां का पीएम

Government Structure: पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक वहां की संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है और निचले सदन यानी राष्ट्रीय असेंबली को कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता है. उच्च सदन यानी सीनेट को आइवान-ए बाला कहा जाता है. 

पाकिस्तान में कैसे होता है चुनाव? भारत से कितना अलग और कैसे चुना जाता है वहां का पीएम

Pakistan General Election: पाकिस्तान में चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इसी कड़ी में आइए जान लेते हैं कि पाकिस्तान में चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है और वहां के प्रधानमंत्री कैसे चुने जाते हैं. साथ ही यह भी जान लीजिए कि पाकिस्तान में चुनावों की प्रक्रिया भार से कितनी अलग होती है. हालांकि बार-बार यह सवाल जरूर खड़े होते हैं पाकिस्तान के चुनावों में धांधली होती है. फिलहाल इस समय पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार चल रही है. इसका कारण यह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों नेशनल असेंबली भंग कर दी है. पाकिस्तान संविधान के मुताबिक 90 दिनों के भीतर देश में आम चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग अब बाध्य है.

केयरटेकर सरकार का नियम
शहबाज सरकार की विदाई के बाद केयरटेकर सरकार बनाई गई. पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 52 के अनुसार सरकार के पांच साल पूरे होने पर नेशनल असेंबली को भंग करना जरूरी है. अब आम चुनाव के बारे में उदाहरण सहित समझते हैं. असल में जैसे भारत में लोकसभा सदस्य के लिए चुनाव होते हैं, उसी तरह पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के सदस्य के लिए चुनाव होते हैं. वहां वर्तमान में नेशनल असेंबली में 342 सीटें हैं, जिनमें 243 सीटों पर चुनाव होते हैं और बाकी के 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. 10 सीटें पाकिस्तान की पारंपरिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए हैं.

संसद और दोनों सदनों के नाम, चुनाव की प्रक्रिया 
पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक वहां की संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है और निचले सदन यानी राष्ट्रीय असेंबली को कौमी इस्म्ब्ली कहा जाता है. उच्च सदन यानी सीनेट को आइवान-ए बाला कहा जाता है. पाकिस्तान में आज भी मतदान बैलेट पेपर के जरिए होता है. राष्ट्रपति का चयन इलेक्टोरल कॉलेज करता है. सीनेट का कार्यकाल 6 साल का होता है और तीन वर्ष में इसके सदस्यों के लिए चुनाव होता है. सीनेट में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष प्रमुख होते हैं. इसका कार्यकाल 5 साल का होता है. 

नेता का चयन कैसे होता है
ठीक इसी चुनाव के जरिए देश का अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता का चयन होता है. एक और बात है कि पाकिस्तानी संविधान के मुताबिक पाकिस्तान सेक्युलर नहीं बल्कि इस्लामिक देश यही. इसलिए वहां का प्रधानमंत्री वही बन सकता है जो इस्लाम धर्म का मानने वाला होगा.

नीतिगत मसले
वैसे तो प्रत्येक देश में ऐसा होता है कि कई नीतियां किसी भी सरकार में कमोबेश सेम रहती हैं. पाकिस्तान की विदेश नीति, विशेष रूप से अमेरिका, चीन और अफगानिस्तान के साथ उसके रणनीतिक संबंध हैं जबकि भारत के साथ उसके तनावपूर्ण संबंध रहते हैं. वहां की पावर काफी हद तक सेना के हाथों में रहती है.

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