वीडियो में पाकिस्तानी मूल के एक प्रोफेसर को ये कहते सुना जा सकता है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महात्मा गांधी और भारत सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए, जिन्होंने पाकिस्तान को बर्बाद होने से बचाया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने तो जान देकर पाकिस्तान की रक्षा की.
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पाकिस्तान की आजादी और महात्मा गांधी को लेकर पाकिस्तानी मूल के एक प्रोफेसर का बयान काफी चर्चा में है. सोशल मीडिया पर उनके बयान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उन्हें ये कहते सुना जा सकता है कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महात्मा गांधी और भारत सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए, जिन्होंने पाकिस्तान को बर्बाद होने से बचाया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने तो जान देकर पाकिस्तान की रक्षा की.
पाकिस्तानी मूल के स्वीडिश प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर बंटवारे के दौरान सभी मुस्लिम भारत आ गए होते तो पाकिस्तान बर्बाद हो जाता. वो तो अहसान है नेहरू और महात्मा गांधी का जिन्होंने पाकिस्तान को खड़ा होने में मदद की. अहमद ने कहा, 'मोहम्मद अली जिन्ना ये नहीं चाहते थे कि उधर से एक पूरा समंदर आ जाए. 35 मिलियन यानी 3.5 करोड़ लोग भारत से आ सकते थे, जिस तरह हमने किसी हिंदू सिख को पश्चिमी पाकिस्तान में नहीं रहने दिया.'
उन्होंने कहा, 'अगर वो 35 मिलियन उधर से आ जाते, उसमें से 5 मिलियन यानी 50 लाख बिहार या बिहार की तरफ से आते वो पूर्वी पाकिस्तान चले जाते, ऐसे में पूर्वी पाकिस्तान तो उस जमाने में बहुत ही गरीब था. 1947 में पश्चिमी पाकिस्तान की जनसंख्या 33.9 मिलियन पहले से थी, अगर ये 30 मिलियन अगर यहां आते तो ये बढ़कर करीब 64 मिलियन हो जाती.'
Video for the purpose of review and criticism only.
Ishtiaq Ahmed on Jinnah
Courtesy: The Black Hole pic.twitter.com/gHEEIKhIOn— Pak Un Fans (@fansofpakuntold) July 10, 2023
प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने कहा, 'कहते हैं कि पाकिस्तान बनने के बाद यहां लिखने के लिए पेपर तक नहीं था. ऐसे में तो पाकिस्तान पूरी तरह बर्बाद हो जाता, गिर जाता. पाकिस्तान को महात्मा गांधी ने अपनी जान देकर बचाया. जवाहर लाल नेहरू ने भी इसमें मदद की. इसलिए जिन्ना साहब को भारत सरकार का अहसान मानना चाहिए कि उन्होंने पाकिस्तान के लिए इतना किया.'