Pakistan: रो पड़े इमरान खान के सहयोगी और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी, इस सवाल को सुन खुद को नहीं संभाल पाए
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Pakistan: रो पड़े इमरान खान के सहयोगी और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी, इस सवाल को सुन खुद को नहीं संभाल पाए

Pakistan Politics: पाकिस्तान की एक अदालत ने राजद्रोह के एक मामले में फवाद चौधरी को बुधवार (1 फरवरी) को जमानत दे दी और उनकी रिहाई का आदेश दिया. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी चौधरी को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था.

फोटो- ary news/you tube

Pakistan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई)  और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी देशद्रोह के एक मामले में अपनी हिरासत को याद करते हुए फूट-फूट कर रो पड़े. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी एआरवाई न्यूज के कार्यक्रम 'ऑफ द रिकॉर्ड' में दिखाई दिए, जिसमें उन्होंने देशद्रोह के एक मामले में अपनी नजरबंदी की अवधि को याद किया.

एआरवाई न्यूज के मुताबिक अपने बच्चों से जुड़े एक सवाल के जवाब में, फवाद चौधरी फूट-फूट कर रोने लगे और कहा कि जब वे जेल में उनसे मिलने पहुंचे तो उन्हें बहुत बुरा लगा. उन्होंने कहा वह बच्चों को हिरासत में याद करते थे.

गिरफ्तार किए जाने की तरीके की निंदा की
कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री ने उन्हें हथकड़ी लगाकर और सिर ढककर अदालत में पेश करने के तरीके की निंदा करते हुए मामला दर्ज होने से पहले ही गिरफ्तार किए जाने की बात कही. उन्होंने दावा किया, ‘जब मैंने वारंट के बारे में पूछा, तो पुलिस ने कहा कि उन्हें मुझे गिरफ्तार करने का आदेश है.’

फवाद चौधरी ने आगे कहा कि पुलिस ने अभी तक उनका फोन वापस नहीं किया है - जो गिरफ्तारी के समय जब्त कर लिया गया था. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह शारीरिक हिंसा के  शिकार नहीं हुए.

बुधवार को मिली अदालत से जमानत
बता दें पाकिस्तान की एक अदालत ने राजद्रोह के एक मामले में फवाद चौधरी को बुधवार (1 फरवरी) को जमानत दे दी और उनकी रिहाई का आदेश दिया. 52 वर्षीय चौधरी को पिछले सप्ताह लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था.

पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के सचिव की शिकायत पर इस्लामाबाद के कोहसर पुलिस थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. निर्वाचन आयोग के सचिव ने चौधरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर आयोग के सदस्यों और उनके परिवारों को ‘‘धमकी’’ देने का आरोप लगाया था.

एक न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सोमवार को मामले में उनकी हिरासत के लिए पुलिस के अनुरोध को खारिज करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

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