Pakistan Politics news: पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने कुछ अहम जनरलों के साथ मिलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके पद से हटाने में सक्रिय भूमिका निभायी थी.
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Pakistan Politics: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के एक्स आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बीच अक्सर बयानबाजी होते रहती है. इमरान खान बाजवा पर पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि उनकी सरकार को गिराने में आर्मी चीफ का हाथ था. इमरान खान की बात को पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने दोहराया है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पिछले साल पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने कुछ अहम जनरलों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री इमरान को उनके पद से हटाने में सक्रिय भूमिका निभायी थी. आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार जाने के बाद इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में पाक की सत्ता से हटना पड़ा था. उसके बाद उन्होंने कहा था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी सरकार ने जो स्वतंत्र विदेश नीति अपनायी थी उसकी वजह से उन्हें निशाना बनाने के लिए अमेरिका द्वारा साचिश रची गयी थी हालांकि अमेरिका ने आरोपों से इनकार किया था. शुक्रवार को बीबीसी के हार्डटॉक कार्यक्रम में साक्षात्कार के दौरान चौधरी ने मेजबान स्टीफन सैकर के इस बयान से असहमति भी जतायी कि सैन्य प्रतिष्ठान ने पीटीआई के सत्ता में आने में मदद की थी.
साजिश के तहत सत्ता से हुए बेदखल
पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि हम सत्ता में आए लेकिन हमें साजिश के तहत सत्ता से बेदखल कर दिया गया जिसमें कुछ सैन्य जनरल शामिल थे और सैन्य ताकतों ने इमरान खान को सत्ता से हटाने में बहुत सक्रिय भूमिका निभायी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सेना प्रमुख हमारी सरकार को हटाने में सक्रिय रूप से शामिल थे और दुर्भाग्य से यही तथ्य है.
सेना का सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी प्रभाव
जनरल बाजवा तीन-तीन साल के दो कार्यकाल के लिए पाकिस्तान की सेना का प्रमुख रहने के बाद पिछले साल 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गये. वह 2016 में सेना प्रमुख नियुक्त किये गये थे और 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने तीन साल के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था. बाद में इमरान खान सेना के कड़े आलोचक बन गये. आपको बता दें कि 75 साल पहले अस्तित्व में आए पाकिस्तान में आधे से अधिक समय तक देश पर शासन कर चुकी सेना का सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी प्रभाव है. जब चौधरी का इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के इस बयान की ओर ध्यान दिलाया गया कि इमरान खान ने सेना को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान असंवैधानिक भूमिका निभाने के लिए कहा था तो उन्होंने कहा कि पार्टी की राय बिल्कुल अलग थी. उन्होंने कहा कि हमने कभी ऐसा नहीं कहा. हमने सिर्फ इतना कहा कि एक स्थिर सरकार को इस तरह नहीं जाने दिया जाए. पिछले सेना प्रमुख सच नहीं बोल रहे थे जब उन्होंने कहा कि हमने उनसे मदद मांगी थी. हमने सेना में उनकी तटस्थता की बात कही थी.
(इनपुट: एजेंसी)
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