PAK के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की चोरी-छिपे मदद कर रहा था चीन, राज खुला तो US ने लिया ये एक्शन
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PAK के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की चोरी-छिपे मदद कर रहा था चीन, राज खुला तो US ने लिया ये एक्शन

 Pakistan China Relations: पाकिस्तान-चीन की सहाबहार दोस्ती रही है. बीजिंग इस्लामाबाद के मिलिट्री आधुनिकीकरण प्रोग्राम के लिए हथियारों और रक्षा उपकरणों का मुख्य सप्लायर रहा है.

PAK के  बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम की चोरी-छिपे मदद कर रहा था चीन, राज खुला तो US ने लिया ये एक्शन

Pakistan Ballistic Missile Program: अमेरिका ने तीन चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. इन कंपनियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए पुर्जे और उपरकरणों की सप्लाई करने का काम किया था. यह प्रतिबंध पाकिस्तान के अबाबील बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली के लॉन्च के कुछ दिनों बाद लगाए गए हैं.

अमेरिकी विदेश विभाग के बयान में कंपनियों की पहचान जनरल टेक्नोलॉजी लिमिटेड, बीजिंग लुओ लुओ टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और चांगझौ यूटेक कंपोजिट कंपनी के रूप में की गई है. विदेश विभाग ने कहा कि प्रतिबंध वैश्विक अप्रसार व्यवस्था के हिस्से के रूप में लगाए जा रहे हैं.

पुर्जे और उपकरणों सप्लाई किए थे
मंत्रालय ने एक बयान में कहा,'आज, हम कार्यकारी आदेश 13382 के अनुसार तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं जो सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारकों और उनके वितरण से जुड़ी हैं. यह तीनों कंपनियां चीन की हैं और इन्होंने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के मिसाइल से जुड़े पुर्जे और उपकरणों की सप्लाई किए हैं.’

बता दें पाकिस्तान-चीन की सहाबहार दोस्ती रही है. बीजिंग इस्लामाबाद के मिलिट्री आधुनिकीकरण प्रोग्राम के लिए हथियारों और रक्षा उपकरणों का मुख्य सप्लायर रहा है.

तीनों कंपनियों ने क्या-क्या सप्लाई किया था
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया, ‘जनरल टेक्नोलॉजी ने ब्रेज़िंग सामग्री सप्लाई की, वहीं बीजिंग लुओ लुओ ने मैंड्रेल और अन्य मशीनरी की सप्लाई का काम किया. तीसरी फर्म, चांगझौ यूटेक कंपोजिट, 2019 से डी-ग्लास फाइबर, क्वार्ट्ज फैब्रिक और उच्च सिलिका कपड़े की आपूर्ति के लिए काम कर रही थी, जिनमें से सभी का मिसाइल सिस्टम में इस्तेमाल होता है.

क्या कहा अमेरिका ने?
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, यआज की कार्रवाई दर्शाती है कि संयुक्त राज्य अमेरिका सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार, उनके वितरण के साधनों और संबंधित खरीद गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगा, चाहे वे कहीं भी हों.’

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