Trending Photos
DNA on China Action on LAC: भारत दौरे पर आए US Army के एक जरनल ने कहा है कि जिस तरह चीन (China) भारतीय सीमा के आसपास जबरदस्त तरीके से अपना Infrastructure बना रहा है, वो खतरे की बहुत बड़ी घंटी है. अब समय आ गया है, जब चीन से ये पूछा जाना चाहिए कि उसका इरादा क्या है? Charles A. Flynn (फ्लिन) अमेरिका की सेना में प्रशांत महासागर क्षेत्र के Commanding General हैं और वो पिछले कुछ वर्षों से चीन की सैन्य गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं, इसलिए उनके द्वारा कही गई इन बातों को गम्भीर माना जा सकता है. इस समय वो भारत के दौरे पर आए हुए हैं और उन्होंने चीन को लेकर तीन बड़े खतरें बताए हैं.
पहला, उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ वक्त में LAC पर चीन ने जो Infrastructure विकसित किया है, वो काफी Alarming यानी खतरनाक है. जिस स्तर पर चीन LAC के पास सैन्य गतिविधियां कर रहा है, वो आंखें खोलने वाला है.
दूसरा, उन्होंने चीन (China) के व्यवहार को लेकर संदेह जताया है. उन्होंने कहा है कि भारत का चीन के साथ बात करना मदद कर सकता है लेकिन बातचीत के साथ चीन का व्यवहार भी मायने रखता है. चीन एक और तो बातचीत कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ LAC के पास सैन्य गतिविधियों के लिए सड़कें और पुल बना रहा है, जिसका सीधा मकसद भारत की घेराबंदी है. और तीसरा, उन्होंने हिन्द और प्रशांत क्षेत्र में चीन के रुख़ को विनाशकारी और अस्थिर करने वाला बताया है.
#DNA : भारत पर हमले की तैयारी कर रहा चीन?@sudhirchaudhary
अन्य Videos यहां देखें - https://t.co/ZoADfwBf2S pic.twitter.com/X5p3rKPu0E
— Zee News (@ZeeNews) June 9, 2022
Flynn (फ्लिन) इस समय भारत के दौरे पर आए हुए हैं और इस दौरान उनकी भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे से भी मुलाकात हुई है. नोट करने वाली बात ये है कि सेना प्रमुख मनोज पांडे ने पिछले महीने ही अपने एक बयान में कहा था कि चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बात जरूर कर रहा है. लेकिन सच ये है कि वो इन सभी विवादों को किसी भी तरह ज़िन्दा रखना चाहता है. इसके लिए वो LAC के पास Infrastructure को मजबूत कर अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार कर रहा है. इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान दिया है और कहा है कि भारत LAC पर थथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वो चीन की हर गतिविधि पर नजर रख रहा है.
पिछले महीने ही हमने आपको बताया था कि चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के ऊपर एक पुल बनाना शुरू कर दिया है. ये पुल LAC से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है. हालांकि ये पुल चीन अपने कब्जे वाले इलाके में बना रहा है. लेकिन चिंता की बात ये है कि अगर ये पुल बन गया तो चीन के सैनिक पैगोंग झील के उत्तरी किनारे से दक्षिणी किनारे पर आसानी से आ-जा सकेंगे. ये भारत के लिए अच्छी खबर नहीं होगी.
हालांकि बात सिर्फ इस पुल की नहीं है. इस समय चीन (China) पूर्वी लद्दाख में कई तरह के Projects पर काम कर रहा है. पूर्वी लद्दाख से चीन के दो बड़े इलाक़े लगते हैं. पहला है तिब्बत और दूसरा है Xinjiang (शिनजियांग). पहले इन दोनों इलाकों को चीन में सबसे पिछड़ा हुआ माना जाता था. यहां ना तो पक्की सड़कें थीं और ना ही बड़े बड़े पुल और हवाई पट्टियां थीं. वर्ष 2017 के डोकलाम विवाद के बाद चीन ने इन दोनों इलाकों में बड़े पैमाने पर Infrastructure विकसित करना शुरू किया. वर्ष 2020 में जब गलवान में हिंसक झड़प हुई तो उसके बाद चीन ने इस काम में और भी ताकत झोंक दी.
2017 से लेकर अब तक चीन LAC के पास इन दोनों इलाकों में 37 नए Airport या हवाई पट्टियां बना चुका है. जिनमें से 12 से ज्यादा Airport और हवाई पट्टियां लद्दाख में LAC के करीब हैं.
इसके अलावा शिनजियांग प्रांत में चीन 15 हवाई अड्डों का विस्तार कर उन्हें आधुनिक रूप दे रहा है. इनमें सबसे बड़ा हवाई अड्डा, Hotan (होतैन) में बनाया जा रहा है, जहां पर चीन (China) की सेना का एक बहुत बड़ा Military Base है. ये जगह LAC से सिर्फ 200 किलोमीटर दूर है. यानी युद्ध की स्थिति में चीन की सेना यहां से कुछ ही वक्त में आसानी से पहुंच सकती है.
इसके अलावा चीन LAC के पास तिब्बत में सड़कों का भी जाल भी तेज़ी से बिछा रहा है. 2015 से 2020 के बीच सिर्फ़ पांच वर्षों में तिब्बत में चीन का रोड नेटवर्क 7 हज़ार 840 किलोमीटर से बढ़ कर 11 हज़ार 820 किलोमीटर हो चुका है. इन्हीं पांच वर्षों में पूर्वी लद्दाख से लगे शिनजियांग प्रांत का रोड नेटवर्क 17 हज़ार 830 किलोमीटर से बढ़ कर लगभग 21 हज़ार किलोमीटर हो गया है.
चीन LAC के पास इतनी सड़कें और पुल तब बना रहा है, जब भारत के साथ वो सीमा विवाद सुलझाने के लिए लगातार बात कर रहा है. अब तक दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 15 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है. चीन (China) हर बार कहता है कि वो सहयोग करने के लिए तैयार है. लेकिन दूसरी तरफ वो अपने कब्जे वाले इलाकों में सड़कें और पुल बनाता है. जिसका सीधा मतलब ये है कि चीन लगातार भारत पर हमले की तैयारी कर रहा है.