भारत से लगी सीमा पर CHINA तैनात कर रहा 'कुत्ते', कहीं उल्टी न पड़ जाए ड्रैगन की ये चाल
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भारत से लगी सीमा पर CHINA तैनात कर रहा 'कुत्ते', कहीं उल्टी न पड़ जाए ड्रैगन की ये चाल

India-China Border: भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) वेस्टर्न थिएटर (Western Theater) में रोबोटिक एआई डॉग (Robotics Artificial intelligence Dogs) की तैनाती  कर रही है.

भारत से लगी सीमा पर CHINA तैनात कर रहा 'कुत्ते', कहीं उल्टी न पड़ जाए ड्रैगन की ये चाल

India-China Border: भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) वेस्टर्न थिएटर (Western Theater) में रोबोटिक एआई डॉग (Robotics Artificial intelligence Dogs) की तैनाती  कर रही है. जानकारी के मुताबिक हाल ही में PLA  ने बड़ी संख्या में ऐसे रोबोटिक डॉग के साथ एक मिलिट्री एक्सरसाइज की है जिसमें टैंक, गन्स के साथ टारगेट पर  हमले के लिए रोबोटिक डॉग को भी शामिल किया गया था. सभी रोबोटिक डॉग को सेंसर और हथियारों से लैस किया गया था जो टारगेट पर हमले करते देखे गये थे.

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक रोबोटिक डॉग को वेस्टर्न थिएटर में शामिल कर चीन  भारत से लगती सीमा के नजदीक तैनात कर रहा है. लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश से लगती भारत चीन सीमा पर कई ऐसे इलाके हैं जहां ऑक्सीजन की काफी कमी है साथ ही कई इलाकों का तापमान -40 डिग्री तक है ऐसे में चीन के लिए अपने सैनिकों को तैनात करना आसान नहीं है. 

यही वजह है कि चीन भारतीय सैनिकों पर नज़र रखने के लिए जहां सर्विलांस सिस्टम को भारतीय सीमा के नजदीक लगा रहा है वहीं गलवान जैसे हालात से निपटने के लिए चीन रोबोटिक डॉग को सीमा के नजदीक तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है. साल 2020 में लद्दाख के गलवान में भारतीय सैनिकों के हाथों पिटे चीनी सैनिकों की दुनिया भर में काफी बदनामी हुई थी.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की  रिपोर्ट के मुताबिक इस झड़प में 38 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई थी जबकि भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. जानकारों के मुताबिक अगर भारत के साथ भविष्य में कोई गलवान की तरह लड़ाई होती है तो चीन भारतीय सैनिकों के खिलाफ ऐसे रोबोटिक डॉग से हमले के लिए लड़ाई के मैदान में उतार सकता है.

केन्द्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक रोबोटिक डॉग को भारत-चीन सीमा के उन इलाकों में तैनात किया जा सकता है जहां एक सैनिक के लिए काफी विषम परिस्थितियां हैं. कई ऐसे इलाके हैं जहां ऑक्सीजन की काफी कमी है  तापमान -40 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसी जगहों पर रोबोटिक डॉग का इस्तेमाल कर चीन भारतीय सैनिकों के लिए नई मुश्किलें पैदा कर सकता है. रोबोटिक डॉग का इस्तेमाल कर चीन अपने सैनिकों की मौतों का आंकड़ा भी कम कर सकती है. 

जानकारों के मुताबिक  रोबोटिक डॉग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से युक्त है जो दुश्मन के तरफ से आने वाले किसी भी खतरे का अंदाजा लगा कर हमले करने में माहिर है. यही नहीं एक आम सैनिक के मुकाबले बेहद कम समय में ऐसे रोबोटिक डॉग को दुश्मन पर हमले के लिए तैयार किया जा सकेगा. चीन के साथ हुई गलवान की लड़ाई के बाद चीन को ये अंदाजा हो गया था कि उसके सैनिक ठंड और खराब मौसम का मुकाबला नहीं कर सकते. 

भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन ने गलवान की घटना के बाद अपने सैनिकों के लिए बड़ी संख्या में  हथियार और आपूर्ति दोनों ले जाने में सक्षम दर्जनों मानव रहित वाहन तिब्बत भेजे थे, जिनमें से अधिकांश सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किए गया था. रोबोटिक एआई डॉग  की तकनीक पर नज़र रखने वालों का मानना है कि भले ही चीन ऐसे रोबोटिक सिस्टम बार्डर पर तैनात क्यों न कर रहा हो लेकिन ये तकनीक पूरी तरह से सिक्योर नहीं है ऐसे रोबोटिक डॉग को हैक किया जा सकता है और ऐसा होता है तो यही रोबोटिक डॉग दुश्मन पर उल्टा ही हमले करने लगेंगे.

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