Spying: हैकिंग के बाद अब कॉफी मशीन से जासूसी कर रहा चीन? चौंकाने वाला किया गया दावा
Advertisement
trendingNow11221474

Spying: हैकिंग के बाद अब कॉफी मशीन से जासूसी कर रहा चीन? चौंकाने वाला किया गया दावा

Spying through coffee maker: दुनिया के कई देश एडवांस तकनीक के जरिए दुश्मन देशों की जासूसी करते रहते हैं. मोबाइल फोन और इंटरनेट यानी साइबर अटैक के बाद अब जिस मशीन के जरिए जासूसी होने की खबरें आ रही हैं. उसने अच्छे-अच्छों के होश उड़ा दिए हैं. 

Spying: हैकिंग के बाद अब कॉफी मशीन से जासूसी कर रहा चीन? चौंकाने वाला किया गया दावा

China spying through coffee maker: सोशल मीडिया के युग में यूं तो एक से दो रुपये में किसी भी इंटरनेट यूजर की जानकारी बाजार में बड़ी आसानी से मिल जाती है. करोड़ों लोगों का डाटा लीक होने की खबरें आपने भी सुनी होगी. पेगासस सॉफ्टवेयर से इतर अब एक ऐसी मशीन से जासूसी हो रही है जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा. हालांकि इस बार आरोप इजरायल पर नहीं बल्कि चीन पर लगा है जो कॉफी मेकर मशीन के जरिए जासूसी कर रहा है.

चीन ने चौंकाया

अगर आप भी अपने घर में चाइनीज यानी मेड इन चाइना कॉफी मेकर मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके लिए भी चौंकाने वाली खबर है. दरअसल एक अमेरिकी टेक एक्सपर्ट क्रिस्टोफर बाल्डिंग (Christopher Balding) का दावा किया है कि जासूसी करने वाली कॉफी मशीनों में वॉइस रि‍कोगिनशन (Voice Recognition) सिस्टम लगाया गया है. 

ये भी पढ़ें- Indian Railway's: टक्कर से पहले खुद रुक जाएंगी ट्रेनें! सबसे पहले इस रूट को 'कवच' से लैस करेगा भारतीय रेलवे

कॉफी मशीन में लगा ये सॉफ्टवेयर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इस बार डेटा चुराने के लिए साइबर हमला करने के बजाए स्मार्ट कॉफी मशीनों के अंदर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है. बाल्डिंग ने कहा कि IoT वो खतरनाक सॉफ्टवेयर है जो चंद सेकेंड में आपकी जानकारी कभी भी गलत हाथों तक पहुंचा सकता है.

ये भी पढ़ें- Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा दुर्घटना बीमा का कवर, सतपाल महाराज की पहल

ये अहम जानकारी हो सकती है लीक

अमेरिकी रिसर्चर क्रिस्टोफर ने आगे ये भी कहा कि यूं तो कॉफी मशीन का डेटा आपको सामान्य लग सकता है, लेकिन इस डेटा के उपयोग करने का जो तरीका है उसमें काफी जोखिम है. रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी भी कंपनी या शख्स का पेमेंट डाटा लीक होने को उसकी संवेदनशील जानकारी माना जाता है. वहीं कस्टमर की पसंद नापसंद, उसकी लोकेशन और यहां तक कि उस शख्स की आवाज की पहचान भी चीनी कंपनियों तक पहुंच सकती है.

गौरतलब है कि कुछ बैंक आपकी आवाज़ की पहचान सुनिश्चित करने के बाद ही फोन बैंकिंग या कस्टमर केयर से होने वाले संवाद को आगे बढ़ाते हैं. ऐसे में वॉइस रि‍कोगिनशन सिस्टम से लैस ये मशीनें किसी को कभी भी और कहीं भी तगड़ा चूना लगा सकती हैं. वहीं दूसरी ओर क्रिस्टोफर का ये भी कहना है कि उनके पास मौजूद सबूत इस बात का इशारा करते हैं कि चीन की मशीनें बड़े पैमाने पर गैर चीनी ग्राहकों यानी दुनिया के दूसरे देशों के नागरिकों की अहम जानकारी हासिल कर सकती है.  

 

Trending news