प्यार किया तो डरना क्या... नए जमाने में नया अंदाज, यहां म्यूजिक के जरिए दिखाया जाता है 'मुगल-ए-आजम'
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प्यार किया तो डरना क्या... नए जमाने में नया अंदाज, यहां म्यूजिक के जरिए दिखाया जाता है 'मुगल-ए-आजम'

Mughal E Azam Theatre: फिरोज अब्बास खान की रचना 'मुगल-ए-आज़म: द म्यूजिकल' ने पिछले दिनों ताज महल के ऐतिहासिक परिसर में 'प्यार किया तो डरना क्या' गाने का शानदार मंचन किया, जिससे न केवल प्रेम का जश्न मनाया गया बल्कि शकील बदायुनी और नौशाद साहब को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

 

प्यार किया तो डरना क्या... नए जमाने में नया अंदाज, यहां म्यूजिक के जरिए दिखाया जाता है 'मुगल-ए-आजम'

Mughal E Azam: फिरोज अब्बास खान की रचना 'मुगल-ए-आज़म: द म्यूजिकल' ने पिछले दिनों ताज महल के ऐतिहासिक परिसर में 'प्यार किया तो डरना क्या' गाने का शानदार मंचन किया, जिससे न केवल प्रेम का जश्न मनाया गया बल्कि शकील बदायुनी और नौशाद साहब को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस विशेष प्रदर्शन को 'मुगल-ए-आज़म: द म्यूजिकल' के 300वें शो के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. अब यह शो दिल्ली के जवाहर लाल स्टेडियम में 13 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित होगा, जो इस कृति को दिल्ली में देखने का अंतिम अवसर प्रदान करेगा.

 

ताज महल के सामने भी हो चुका है मंचन

ताज महल में इस अद्वितीय अनुभव को साझा करते हुए फिरोज अब्बास खान ने कहा, "हमने ताज महल के सामने 'प्यार किया तो डरना क्या' का मंचन करके प्रेम की अमर धरोहर को सम्मानित करना चाहा. शकील बदायुनी ने ताज की महिमा पर एक खूबसूरत प्रेम गीत लिखा था, और हमारा यह प्रदर्शन उन महान कलाकारों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका था, जिन्होंने प्यार के संदेश को गीतों के रूप में प्रस्तुत किया."

 

26 जनवरी को मुंबई में होगा परफॉर्मेंस

इससे पहले, 'मुगल-ए-आज़म: द म्यूजिकल' का प्रदर्शन 26 जनवरी 2025 तक मुंबई के एनएमएसीसी में भी होगा. नाटक में 550 से अधिक भव्य पोशाकें, आकर्षक सेट, लाइव गायन और मंत्रमुग्ध कर देने वाली कथक नृत्यकला शामिल हैं, जो इसे भारतीय रंगमंच के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कृति बनाते हैं. खान ने कहा, "जब हमने के आसिफ के कालजयी महाकाव्य को मंच पर प्रस्तुत करने की शुरुआत की थी, तो हमें यह अनुमान नहीं था कि यह इतनी सफलता हासिल करेगा. अब, हम दिल्ली में अपने 300वें शो के लिए तैयार हैं, और यह अवसर हमारे लिए बेहद खास है."

 

निर्माता दीपेश सालगिया ने कहा, “75 वर्षों से शापूरजी पल्लोनजी 'मुगल-ए-आज़म' की भव्यता से जुड़े हुए हैं. चाहे वह प्रोडक्शन हो या मार्केटिंग, हमने हमेशा नये मानक स्थापित करने की कोशिश की है. ताज महल पर इस शानदार प्रदर्शन के साथ हम दिल्ली में अपने अंतिम शो की शुरुआत कर रहे हैं."

 

'मुगल-ए-आज़म: द म्यूजिकल', जो शापूरजी पल्लोनजी द्वारा निर्मित और फ़िरोज़ अब्बास खान द्वारा निर्देशित है, उन्होंने सात ब्रॉडवे वर्ल्ड इंडिया पुरस्कारों सहित कई प्रमुख सम्मान प्राप्त किए हैं. 2016 में इसकी शुरुआत के बाद से यह शो वैश्विक स्तर पर दर्शकों का दिल जीत चुका है और अब भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य का अहम हिस्सा बन चुका है.

 

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