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Pashupati Paras Resignation: बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर NDA ने सीट बंटवारे का ऐलान किया और पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली. वहीं बिहार में सीट बंटवारे पर बीजेपी ने चिराग पासवान पर बड़ा दांव खेला जिससे चाचा पशुपति नाराज हो गए हैं. एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति पारस ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पशुपति पारस ने कहा, 'देश की जनता बड़ी जनता है. हमारे साथ नाइंसाफी हुई है. मैं त्यागपत्र देता हूं. भविष्य की राजनीति अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बैठकर तय करूंगा.' फिलहाल, जब से चाचा ने इस्तीफा दिया है तब से सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
पशुपति पारस के इस्तीफे के बाद मचा बवाल
पशुपति पारस के इस्तीफे पर कई सारे यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने निशाना साधते हुए एक स्क्रीनशॉट शेयर किया. उस इमेज में पशुपति कुमार पारस का एक्स अकाउंट नजर आ रहा है. उन्होंने अपने नाम के आगे ब्रैकेट में 'मोदी का परिवार' लिख रखा था. इसी को अंडरलाइन करते हुए और तंज कंसते हुए लिखा, "पहले तो बीजेपी को अपना परिवार का बता रहे थे और आज इस्तीफा दे दिया (अब मुंह मोड़ लिया). " इस पोस्ट को @anand11_du द्वारा शेयर किया गया. सोशल मीडिया पर यह पोस्ट काफी वायरल हुआ. साथ ही कई अन्य लोगों ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
कुछ दिन पहले तो परिवार का बता रहे थे और आज इस्तीफ़ा दे दिया pic.twitter.com/IMUPSEhI7M
— Anand Prakash (@anand11_du) March 19, 2024
@PashupatiParas काबिल नेता नहीं है।
जिसने अपने भाई के साथ धोखा किया वह पार्टी और मंत्री पद का सम्मान क्या करेगा।— शिखर सिंह ( मोदी का परिवार ) (@shikhar_bjp) March 19, 2024
देश में 2500 राजनीतिक दल किस - किस हो साधा जाय ! आजादी के बाद रियासतों को समेटा गया था अब बिरासत को समेटने का समय है |
— sudhir singh (@sudhirsungh) March 19, 2024
पोस्ट पर कई सारे लोगों ने दी प्रतिक्रिया
इस्तीफे के बाद कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने उनका समर्थन किया. एक यूजर ने लिखा, "बहुत अच्छा किया." जबकि एक अन्य न और प्रतिक्रिया में एक यूजर ने लिखा, "सराहनीय कदम". वहीं, एक अन्य यूजर भी थे, जिन्होंने लिखा, "अच्छा, अब वह बेहतर करें, पहले लालू का प्रस्ताव स्वीकार करें और तीन सीटें हासिल करें और वहां चिराग से बेहतर लड़ें." एक ने लिखा, "पशुपति पारस काबिल नेता नहीं है, जिसने अपने भाई के साथ धोखा किया वह पार्टी और मंत्री पद का सम्मान क्या करेगा." एक अन्य ने लिखा, "देश में 2500 राजनीतिक दल किस-किस को साधा जाए. आजादी के बाद रियासतों को समेटा गया था. अब विरासत को समेटने का समय है."