ये स्टूडेंट रोज चलाता है 40 किमी साइकिल, ताकि बन सके एक IAS ऑफिसर; पढ़ें दिल छू लेने वाली स्टोरी
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ये स्टूडेंट रोज चलाता है 40 किमी साइकिल, ताकि बन सके एक IAS ऑफिसर; पढ़ें दिल छू लेने वाली स्टोरी

Food Delivery Agent: एक स्टूडेंट की दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है, जो एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है. हालांकि, उसके पास इतने पैसे नहीं जिससे वह अपनी पढ़ाई और खर्चा देख सके. इस वजह से वह साइकिल से फूड डिलीवरी का काम करने लगा.

ये स्टूडेंट रोज चलाता है 40 किमी साइकिल, ताकि बन सके एक IAS ऑफिसर; पढ़ें दिल छू लेने वाली स्टोरी

Student Food Delivery Agent: एक स्टूडेंट की दिल छू लेने वाली कहानी सामने आई है, जो एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है. हालांकि, उसके पास इतने पैसे नहीं जिससे वह अपनी पढ़ाई और खर्चा देख सके. इस वजह से वह साइकिल से फूड डिलीवरी का काम करने लगा. वह एक स्विगी डिलीवरी एजेंट हैं जो दिन में कॉलेज जाता है. इस शख्स का नाम सौरव भारद्वाज है. इसकी कहानी बताने के लिए हतिंदर सिंह ने एक वीडियो माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया था. वीडियो में सौरव भारद्वाज को साइकिल साइकिल पर ऑर्डर देते हुए देखा जा सकता है.

फूड डिलीवरी के लिए रोजाना 40 किमी चलाता है साइकिल

बताया जा रहा है कि सौरव चार महीने से एक फूड डिलीवरी ऐप के लिए काम कर रहे हैं. उसने बताया कि वह रोजाना शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक ऑर्डर डिलीवर करता है. वह खाना पहुंचाने के लिए अपनी साइकिल का इस्तेमाल करता है. खाना डिलीवर करने के लिए वह डेली लगभग 40 किमी साइकिल चलाता है. सौरव भारद्वाज ने बताया कि उनका मेन टारगेट आईएएस अधिकारी बनना है. साथ ही वह अन्य सरकारी परीक्षाओं की भी तैयारी कर रहा है. सौरव भारद्वाज के पिता एक फोटोग्राफर हैं. उनकी मां एक निजी स्कूल में टीचर हैं. स्विगी पर काम करके वह अपने पगार से किराने का सामान खरीदकर अपने परिवार का सपोर्ट कर रहा है. 

 

 

वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा वायरल

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सौरव भारद्वाज ने बताया कि वह एक हिंदू हैं लेकिन पगड़ी पहनते हैं क्योंकि वह सिख धर्म से प्रेरित हैं. वीडियो के कैप्शन में हतिंदर ने लिखा, "आइए इस दिन की शुरुआत पटियाला के इस भाई की कहानी के साथ करें, जो आईटीआई कर रहा है और @Swiggy के साथ फूड डिलीवरी बॉय के रूप में काम करता है. वह हर रोज 40 किलोमीटर तक ऑर्डर डिलीवर करता है, पिता फोटोग्राफर के रूप में काम करते हैं लेकिन ज्यादा कमाई नहीं कर पाते. इसलिए परिवार की मदद के लिए वह यह काम करते हैं. उनकी कड़ी मेहनत को साधुवाद."

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