Prediction 2024: 100 साल पुराने अखबार में हुई थी 2024 के लिए SHOCKING भविष्यवाणी, जानें कितनी हुई सच
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Prediction 2024: 100 साल पुराने अखबार में हुई थी 2024 के लिए SHOCKING भविष्यवाणी, जानें कितनी हुई सच

Shocking Prediction 2024: क्या आपके लिए भी हमारे पास इस साल की दुनिया के लिए कोई भविष्यवाणी है? पर ठहरिए, निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हम थोड़ा समझाते हैं. 1924 में, अखबारों में ये चलन था कि वो भविष्यवाणी करते थे कि आज से 100 साल बाद दुनिया कैसी होगी.

 

Prediction 2024: 100 साल पुराने अखबार में हुई थी 2024 के लिए SHOCKING भविष्यवाणी, जानें कितनी हुई सच

Prediction For 2024: हर किसी को ये जानने की जिज्ञासा रहती है कि भविष्य में क्या होने वाला है. शेयर बाजार से लेकर दुनिया की हालत तक, भविष्यवाणियां हमेशा लोगों को आकर्षित करती हैं. तो क्या आपके लिए भी हमारे पास इस साल की दुनिया के लिए कोई भविष्यवाणी है? पर ठहरिए, निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हम थोड़ा समझाते हैं. 1924 में, अखबारों में ये चलन था कि वो भविष्यवाणी करते थे कि आज से 100 साल बाद दुनिया कैसी होगी. यानी कि, आज! अब कुछ भविष्यवाणियां तो सच के काफी करीब हैं, लेकिन कुछ बिल्कुल बिना सिर-पैर की भी हैं.

सन् 1924 में की गई थी 2024 की भविष्यवाणी 

कनाडा के कैलगरी विश्वविद्यालय में एक रिसर्चर पॉल फेरी ने एक्स (अब X) पर 1924 के एक अखबार की ऐसी ही एक अजीब भविष्यवाणी का क्लिपिंग शेयर किया है. ये 1924 के अखबार की भविष्यवाणी जरूर दिलचस्प है. उन्होंने लिखा था कि 2024 तक शायद घोड़े विलुप्त हो जाएंगे, हालांकि ऐसा नहीं हुआ. लेकिन, ये जरूर होगा कि गाड़ियों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी. उन्होंने ये भी सोचा था कि आवाज वाले कार्यक्रम, जिन्हें हम आज पॉडकास्ट कहते हैं, बहुत मशहूर हो जाएंगे, और ये तो बिल्कुल सही निकला. एक और भविष्यवाणी ये थी कि इंसान की उम्र 100 साल तक हो जाएगी और 75 साल के लोग भी जवान माने जाएंगे, जबकि ऐसा नहीं है.

 

 

1924 के लोगों का भविष्य देखने का नज़रिया

हालांकि, कुछ भविष्यवाणियां तो ऐसी भी हैं जो सच नहीं हुईं. तो कुल मिलाकर 1924 के लोगों का भविष्य देखने का नज़रिया ज़रूर दिलचस्प था. कुछ भविष्यवाणियां तो बिल्कुल सही साबित हुईं. 1924 वालों ने सोचा था कि 100 मंजिला इमारतें बनेंगी और तस्वीरों की जगह वीडियो वाले एल्बम होंगे. यही हुआ. ये भी सोचा गया कि फिल्मों से दुनिया में शांति आएगी, सब एक ही भाषा बोलेंगे और झगड़े-लगड़े खत्म हो जाएंगे. हालांकि ये तो ज़रा ज़्यादा सपनों की दुनिया हो गई. उन्होंने ये भी लिखा था कि ट्रेनें पहले से दुगुनी या तिगुनी रफ्तार में चलेंगी और उनमें सिनेमाघर भी होंगे. ये तो पूरी तरह सच नहीं हुआ, लेकिन आजकल ट्रेनों और हवाई जहाज़ों में जो इंफोटेनमेंट सिस्टम होता है, वो जरूर कमाल का है. घर पर फिल्म देखना तो OTT प्लेटफॉर्म आने के बाद तो आम बात हो गई.

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