Birthday Gift: लड़की ने अपने भविष्य के लिए 150 करोड़ रुपये बचाए. एक टॉप-ऑफ-द-लाइन मर्सिडीज की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है, जबकि एक मध्यम आकार के चार्टर विमान की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये है.
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Canada News: कनाडा के ओंटारियो की रहने वाली जूलियट लैमौर नाम की लड़की के 18वें जन्मदिन पर उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. युवती ने 7 जनवरी को अपना जन्मदिन मनाया. जूलियट अपने खास दिन के लिए कुछ खरीदने के लिए एक सुपरस्टोर जाती है. लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या खरीदें. तब उसके दादाजी ने उसे लॉटरी टिकट खरीदने की सलाह दी.
जूलियट को इन टिकटों को खरीदने का तरीका नहीं पता था. इसलिए उसने अपने पिता को फोन किया और इस बारे में पूछताछ की. फिर वह ओंटारियो लॉटरी और गेमिंग कॉर्पोरेशन गई और उसने एक लॉटरी टिकट खरीदा. उसने लोट्टो 6-49 लॉटरी खरीदी और घर लौट आई.
48 मिलियन कनाडाई डॉलर जीते
इसके बाद जूलियन इस लॉटरी टिकट के बारे में भूल गई. अचानक एक दिन उसे पता चला कि उसके पड़ोसी ने 7 जनवरी की लॉटरी में एक इनाम जीता है. फिर उसे याद आता है कि उसने भी एक टिकट खरीदा था. उसने जल्दी से जाकर मोबाइल एप पर अपनी लॉटरी का अपडेट चेक किया. तभी उसे पता चला कि उसने 48 मिलियन कनाडाई डॉलर (2,95,65,86,034.24 रुपये) की राशि जीती है.
विडंबना यह है कि जब वह अपने ऑफिस में थी तब उसने इसकी जांच की. उसकी भारी जीत के बारे में जानकर उसके कई साथी हैरान रह गए. उसके ऑफिस ने उसे इस जीत के बाद जल्दी जाने की सलाह दी, लेकिन उसकी मां ने उसे अपनी शिफ्ट खत्म करने के बाद ही घर लौटने को कहा.
2 अरब 95 लाख का किया ये इस्तेमाल
इसके बाद जूलियट की जिंदगी बदल गई. उसने अपने परिवार के लिए पांच सबसे महंगी मर्सिडीज कारें, एक चार्टर प्लेन और लंदन में एक बंगला खरीदा. उसने अपने भविष्य के लिए 150 करोड़ रुपये बचाए. एक टॉप-ऑफ-द-लाइन मर्सिडीज की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है, जबकि एक मध्यम आकार के चार्टर विमान की कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये है. जूलियट ने बंगले पर 40 करोड़ रुपए भी खर्च किए.
जूलियट ने ग्लोबल न्यूज को बताया कि उसने अपने पिता की मदद से पैसा निवेश करने की योजना बनाई थी. इससे वह अपनी पढ़ाई जारी रख पाएगी और अंततः डॉक्टर बन पाएगी. इसके बाद वह अपने परिवार के साथ दुनिया घूमने की योजना बना रही हैं. वह धर के हर देश की भाषा, भोजन और जीवन शैली के बारे में जानन को उत्सुक है. जूलियट के पिता का दावा है कि उनकी बेटी हमेशा डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखती थी, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे. अब उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेने की जरूरत नहीं होगी.
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