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IAS Officer Aparajita Sharma: लोग बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पालते हैं. हालांकि, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षाओं को क्रैक करने के लिए संघर्ष और दृढ़ता की आवश्यकता होती है. क्या होगा अगर हम आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएं जो यह भी नहीं जानता कि आईएएस अधिकारी क्या है या कौन होता है, लेकिन फिर भी वह बनना चाहता है. यह कहानी आईएएस अधिकारी अपराजिता शर्मा की है.
बनारस की रहने वाली अपराजिता शर्मा को यह भी नहीं पता था कि आईएएस अफसर कौन होता है. उसे इस परीक्षा को पास करने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी लेकिन फिर भी, उसका बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना था. उसके नाना हमेशा उसे कहते थे कि उसकी नाती एक दिन अधिकारी बनेगी.
साल 2017 में 40वीं ऑल इंडिया रैंक के साथ पास की परीक्षा
बचपन में अपराजिता यह नहीं जानती थी कि एक अधिकारी बनना कैसा होता है, लेकिन जब वह बड़ी होने लगी तो इसे गंभीरता से लिया और इसे करियर के रूप में चुना. अपराजिता के अनुसार यह पद प्रतिष्ठा ही नहीं संतुष्टि भी देता है. अपराजिता ने साल 2017 में 40वीं ऑल इंडिया रैंक के साथ परीक्षा पास की थी. इसके साथ ही उनका बचपन का सपना सच हो गया.
यूपी के बनारस से की अपनी स्कूल की पढ़ाई
अपराजिता ने अपनी स्कूली शिक्षा बनारस से की, जिसके बाद उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची में दाखिला लिया. उनके पिता एक आईआरएस अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए और उनकी मां एक प्रोफेसर हैं. ग्रेजुएशन के बाद अपराजिता को एक बड़ी कंपनी में जॉब मिल गई. वह अपने विभाग में अकेली लड़की थी. उनकी कंपनी में हुई कुछ घटनाओं ने अपराजिता को प्रेरित किया और फिर उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को आजमाने और काम करने का फैसला किया.
आईएएस बनने के बाद दिया ये सक्सेस मंत्र
अपराजिता यूपीएससी के उम्मीदवारों को तीनों परीक्षाओं की तैयारी के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने की सलाह देती हैं. सबसे पहले सिलेबस को ध्यान से पढ़ें और अपनी रुचि के अनुसार किताबें इकट्ठी करें. इसके साथ ही वह कई सोर्स न होने की बात भी कहती हैं. वह किताबों को सीमित रखने की सलाह देती हैं लेकिन उन्हें बार-बार रिवाइज करना अधिक महत्वपूर्ण है. अपनी ताकत और कमजोरी के हिसाब से अपनी रणनीति बनाएं क्योंकि हर कोई अलग होता है. डेली टारगेट निर्धारित करें और उन्हें पूरा करें.
IAS की कैसे तैयारी करें, अपराजिता ने बताया
अपराजिता बेसिक्स के लिए एनसीईआरटी की किताबों को बहुत महत्व देती हैं. वह कक्षा 6 से 12 तक एनसीईआरटी के अधिकतम विषयों पर किताबें पढ़ती थी, खासकर भूगोल. इसके बाद उन्होंने अखबारों पर फोकस किया. अपराजिता अगली महत्वपूर्ण बात सलाह देती है कि साक्षात्कार के दौरान कभी भी झूठ न बोलें. जो लोग वहां बैठे हैं वे आपसे ज्यादा बुद्धिमान हैं, वे आपके झूठ को सेकंडों में पकड़ लेंगे. अगर आपको कोई जवाब नहीं पता तो माफी मांगें. अपराजिता भी ज्यादा मॉक टेस्ट देने में यकीन नहीं रखती हैं. वह कहती है कि यह आपको भ्रमित करेगा और रटे जवाब देगा. जो आपके दिल में है उसे बोलना बेहतर होगा क्योंकि यहां आपकी ईमानदारी की परीक्षा हो रही है, आपके ज्ञान की नहीं.
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