हनुमान भक्त किसान की आस्था का जवाब नहीं, खुद के पैसों से डेढ़ करोड़ में बनवाया राम मंदिर
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हनुमान भक्त किसान की आस्था का जवाब नहीं, खुद के पैसों से डेढ़ करोड़ में बनवाया राम मंदिर

Madhya Pradesh Ratlam News: आस्था की तस्वीर रतलाम से सामने आई है. यहां भी एक हनुमान भक्त किसान ने अपने निजी भूमि पर डेढ़ करोड़ की लागत से न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण करवाया बल्कि गांव के लिए निशुल्क उपयोग के लिए धर्मशाला भी बनवा दी है.

 

हनुमान भक्त किसान की आस्था का जवाब नहीं, खुद के पैसों से डेढ़ करोड़ में बनवाया राम मंदिर

Hanuman Bhakt Kisan: पूरे देश मे इस वक्त आस्था का सैलाब उमड़ रहा है. अयोध्या में सालों बाद श्रीराम मंदिर का संकल्प पूरा हो रहा है और ऐसे ही एक आस्था की तस्वीर रतलाम से सामने आई है. यहां भी एक हनुमान भक्त किसान ने अपने निजी भूमि पर डेढ़ करोड़ की लागत से न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण करवाया बल्कि गांव के लिए निशुल्क उपयोग के लिए धर्मशाला भी बनवा दी है. वहीं इस राम मंदिर में अम्बे माता, राधा-कृष्ण सहित शिव-पार्वती की प्रतिमाएं भी स्थापना की जाएंगी. रतलाम के बिरमावल गांव के किसान ईश्वरलाल पाटीदार हैं. उनकी उम्र 75 साल है और उनकी पत्नी का कई साल पहले ही देहांत हो गया था. उनकी केवल एक बेटी है जिसकी शादी हो गयी है.

किसान ने मंदिर बनवाने में खर्च किए डेढ़ करोड़

किसान ईश्वरलाल का कोई पुत्र नहीं है और ऐसे में हनुमान भक्त ईश्वरलाल की कुछ सालों पहले श्रीराम मंदिर को लेकर ऐसी आस्था जागी कि उन्होंने अपनी 115x115 फीट निजी जमीन पर श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू करवाया. 3 साल बाद मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. इस मंदिर में अब श्रीराम की प्रतिमा के साथ अम्बे माता, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती की प्रतिमाएं भी स्थापना करवाई जाएंगी. इसे लेकर एक बड़े भव्य आयोजन की भी तैयारी किसान ईश्वरलाल ने की है. फरवरी माह में इस मंदिर में श्रीराम सहित अन्य देवी देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान हवन पूजा के साथ करवाएंगे.

मंदिर बनवाकर किसान ने लोगों का जीता दिल

15 हजार से अधिक लोगों को इस आयोजन में शामिल होने का न्योता दिया जाएगा. इतना ही नहीं, मंदिर के साथ ही एक धर्मशाला का भी निर्माण किसान ईश्वरलाल ने करवाया है. यह धर्मशाला ग्रामीणों के लिए निशुल्क उपयोग के लिए बनाई है. वहीं एक गौशाला का भी निर्माण किया जा रहा है. किसान ईश्वरलाल के इस धार्मिक और सेवा कार्य से ग्रामीण भी बहुत खुश हैं. इसे धर्म और सनातनियों के लिए किया गया अच्छा कार्य बता रहे हैं. धर्म के प्रति अटूट आस्था हो तो मन में सेवा भाव आ ही जाता है. जो धर्म से जुड़ा है वह निश्चित ही लोक कल्याण और सेवार्थ के कार्य करता है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण धर्म के प्रति करोड़ों भक्तों की अटूट आस्था का ही परिणाम है.

रिपोर्ट: चंद्रशेखर सोलंकी

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