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Donate Dead Body: मरने के बाद शरीर को डोनेट करना कई देशों में आम है. ये डोनेशन रिसर्चर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स को साइंस के लिए इंसान के शरीर को समझने, जांचने और सीखने में मदद करता है. मेडिकल छात्रों को शरीर की बनावट के बारे में अच्छे से पता चलता है और डॉक्टर इन डोनेट किए गए शरीरों का इस्तेमाल नई दवाइयां और जिंदगी बचाने वाली दवाइयां बनाने में करते हैं. लेकिन, अमेरिका की रहने वाली एक महिला को बहुत बड़ा झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि उनके पति के शरीर को किसी रिसर्च में इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि सेना ने गाड़ियों के एक्सीडेंट के टेस्ट के लिए इस्तेमाल कर लिया.
पति की डेडबॉडी को क्रैश टेस्ट में किया इस्तेमाल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के पति ने 2012 में अंगदान के लिए रजिस्टर किया था. लेकिन, लीवर की बीमारी (liver cirrhosis) से उनकी मृत्यु के बाद उनकी अर्जी रद्द कर दी गई. डॉक्टरों ने उनकी पत्नी जिल को बताया कि उनके पति का शरीर अंगदान के लायक नहीं है, लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि वो शरीर को वैज्ञानिक रिसर्च में इस्तेमाल के लिए दान कर सकती हैं. सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में जिल ने बताया, "मैंने सोचा था कि उन्हें किसी मेडिकल रिसर्च सेंटर में ले जाया जाएगा. मैंने सोचा कि शराब की लत शरीर को कैसे प्रभावित करती है, ये सीखने के लिए उनका शरीर बहुत काम आएगा."
इस बारे में जानकर पत्नी का हुआ बुरा हाल
BRC अस्पताल के अधिकारियों ने अवैध रूप से जेने की बॉडी डिफेंस यूनिट को बेचने से पहले उनसे इजाजत नहीं ली थी. कंपनी ने हजारों और लाशें बेचीं जिनका बाद में बैलिस्टिक और मिलिट्री टेस्टों में इस्तेमाल किया गया, जिससे दान करने वाले के शरीर को पूरी तरह से क्षत-विक्षत कर दिया गया. महिला ने कहा कि इस घटना से वह पूरी तरह से टूट चुकी हैं. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस खबर पर खूब प्रतिक्रिया दी. एक शख्स ने कहा, "कभी-कभी जब आप विज्ञान के लिए अपना शरीर दान करते हैं, तो अगर वो उसका इस्तेमाल नहीं कर पाते, तो वो आपको बताएंगे भी नहीं और सीधे उसे फेंक देंगे. ये तो बहुत बुरा हुआ."