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BlinkIt Delivery Girl: बेंगलुरु की एक महिला ने ब्लिंकइट के कामकाज को समझने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया और एक दिन के लिए डिलीवरी एजेंट बन गई. इंदिरानगर में ऑर्डर डिलीवर करते हुए उन्होंने इस प्रक्रिया के बारे में काफी कुछ सीखा. उन्होंने कुल मिलाकर इस अनुभव की तारीफ की, लेकिन साथ ही सुधार की भी कुछ बातें बताईं. उन्होंने कम महिला प्रतिनिधित्व और राइडर वेरिफिकेशन प्रक्रिया की चिंताओं जैसी समस्याओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने प्रोडक्ट टीम से जरूरी बदलाव करने की अपील की. एक्स पर उनकी पोस्ट पर जल्दी ही ब्लिंकइट के फाउंडर और मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) का ध्यान गया और उन्होंने तुरंत उनके सुझावों पर कार्रवाई करने का फैसला किया.
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उन्होंने लिखा, "मैं ब्लिंकइट डिलीवरी पार्टनर बन गई और आज इंदिरानगर के आसपास कुछ ऑर्डर डिलीवर किए और यह कमाल का था. मैंने कुछ पैसे कमाए, कुछ राइडर्स से बात की. मुझे पता चला कि पूरा सिस्टम कैसे काम करता है, लेकिन ब्लिंकिट प्रोडक्ट टीम, आपके लिए ऐप को फिर से देखने का समय आ गया है." इसके बाद की पोस्ट में उन्होंने लिखा, "ठीक है, मैं यहां किसी को नहीं देखती जो मेरे जैसा दिखता हो, यानी कोई भी महिला प्रतिनिधित्व नहीं है. अगर कोई राइडर बनना भी चाहता है तो ये इलेस्ट्रेशन उन्हें दोबारा सोचने पर मजबूर कर देंगे, लेकिन हां ड्राइवरों को पीरियड की छुट्टी देने का बहुत अच्छा काम किया है."
ok there is a issue with illustration here firstly
i don't see anyone who look like me here basically no women representation
even if someone wants to be a rider these illustrations will make them think twice
but yes great initiative on giving period leaves to the drivers pic.twitter.com/YeIbnuNdPL
— Sneha (@itspsneha) August 4, 2024
कमाई के बारे में एक एसएमएस का जिक्र करते हुए उन्होंने शिकायत की, "क्या आप कृपया राइडर्स को उम्मीद या गलत जानकारी न दें. कुछ ऑर्डर देने के बाद ही मुझे पता चला कि 50000 कमाना कितना मुश्किल है और हां मेरा बोनस 2K कहां है? मैंने यह नहीं देखा कि इसे कैसे प्राप्त किया जाए या कोई नियम और शर्तें." उन्होंने यह भी देखा कि ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों के बारे में साफ जानकारी नहीं थी. हालांकि वे अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और दूसरे कागज-पत्र लेकर गईं, लेकिन मैनेजर ने सिर्फ दस मिनट में ही उनकी मंजूरी दे दी और उन्हें तुरंत ऑर्डर लेने की इजाजत दे दी.
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बेंगलुरु की रहने वाली इस महिला ने बताया कि उनका मुख्य मकसद यह जानना था कि ब्लिंकइट 10 मिनट में डिलीवरी का वादा कैसे पूरा करता है. उन्हें खास तौर पर स्टोर के कामकाज और सामानों के प्रबंधन को समझने में दिलचस्पी थी, न कि सिर्फ डिलीवरी वाले हिस्से पर ध्यान केंद्रित करने में.