Monitor Lizard Raped: जंगल में 'मॉनिटर छिपकली' के साथ हुआ गैंगरेप, सीसीटीवी फुटेज में दिखी हैवानियत
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Monitor Lizard Raped: जंगल में 'मॉनिटर छिपकली' के साथ हुआ गैंगरेप, सीसीटीवी फुटेज में दिखी हैवानियत

Lizard Raped In Maharashtra: महाराष्ट्र के सह्याद्री टाइगर रिजर्व में कुछ शिकारियों ने ऐसी घिनौनी हरकत की, जिसके बारे में जानकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. वन विभाग के अधिकारियों ने आरोपियों को पकड़ा.

Monitor Lizard Raped: जंगल में 'मॉनिटर छिपकली' के साथ हुआ गैंगरेप, सीसीटीवी फुटेज में दिखी हैवानियत

Monitor Lizard Raped In Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashthra) के गोठाणे गांव के पास सह्याद्री टाइगर रिजर्व (Sahyadri Tiger Reserve) में एक बंगाल मॉनिटर छिपकली (Bengal Monitor Lizard) से कथित रूप से बलात्कार करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शिकारियों के रूप में पहचाने गए आरोपी ने गोठाणे के गाभा इलाके में सह्याद्री टाइगर रिजर्व के कोर जोन में कथित तौर पर प्रवेश किया और घिनौना अपराध किया.

  1. महाराष्ट्र में इस जगह हुआ घिनौना अपराध
  2. सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों का पता लगाया
  3. दोषी पाए गए तो आरोपियों को होगी 7 साल की सजा

महाराष्ट्र में इस जगह हुआ घिनौना अपराध

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों की पहचान संदीप तुकरम, पवार मंगेश, जनार्दन कामटेकर और अक्षय सुनील के रूप में हुई है. महाराष्ट्र वन विभाग ने आरोपी के मोबाइल फोन की जांच की और घटना के बारे में पता चला. अधिकारियों को उस हरकत की रिकॉर्डिंग मिली जिसमें आरोपी को मॉनिटर छिपकली के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार करते दिखाया गया था.

सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों का पता लगाया

सांगली फॉरेस्ट रिजर्व (Sangli Forest Reserve) में तैनात वन अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों का पता लगाया, जिसमें उन्हें जंगल में घूमते देखा जा सकता है. घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि तीन आरोपी कोंकण से कोल्हापुर के चंदोली गांव में शिकार के लिए आए थे.

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दोषी पाए गए तो आरोपियों को होगी 7 साल की सजा

घटना से हैरान वन अधिकारी सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में मामले को उठाएंगे. अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिन्हें जानकारी नहीं है, उन्हें बता दें कि बंगाल मॉनिटर छिपकली वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक आरक्षित प्रजाति है. यदि दोषी पाया जाता है, तो आरोपियों को सात साल की कैद की सजा सुनाई जा सकती है.

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