NPS: पेंशन स्कीम से होगी कमाई, जान लें National Pension Scheme में कैसे लगाएं पैसा
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NPS: पेंशन स्कीम से होगी कमाई, जान लें National Pension Scheme में कैसे लगाएं पैसा

National Pension Scheme: पेंशन से लोगों को काफी फायदा हो सकता है. अगर लोग अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करें तो पेंशन स्कीम उनके लिए काफी कारगर भी साबित हो सकती है. ऐसे में आज हम आपको एक पेंशन स्कीम के बारे में बताने वाले हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...

NPS: पेंशन स्कीम से होगी कमाई, जान लें National Pension Scheme में कैसे लगाएं पैसा

Pension Scheme: लोगों के लिए पेंशन काफी काम की चीज है. पेंशन के जरिए लोग अपने रिटायरमेंट के लिए बचत कर सकते हैं. ऐसे में लोगों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension Scheme) के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे National Pension Scheme में इंवेस्टमेंट किया जा सकता है. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ग्राहकों को रिटायरमेंट के लिए पैसा जमा करने की अनुमति देती है और इसका लक्ष्य लॉन्ग टर्म में बाजार-आधारित रिटर्न प्रदान करना है. एनपीएस में शामिल होने का तरीका यहां बताया गया है.

आवश्यक शर्तें

18 से 70 वर्ष की आयु का कोई भी भारत का नागरिक एनपीएस खाता खोल सकता है.

खोलने के तरीके

खाता किसी भी उपस्थिति सेवा प्रदाता (पीओपी-एसपी) पर जाकर खोला जा सकता है. ये बैंक, वित्तीय संस्थान या अन्य संस्थाएं हो सकते हैं. पीओपी की सूची आधिकारिक एनपीएस वेबसाइट पर उपलब्ध है. वहीं इस खाते को ऑनलाइन भी खोला जा सकता है.

फिजिकल एप्लीकेशन

व्यक्ति को फोटो, हस्ताक्षर और योजना वरीयता की डिटेल के साथ स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) आवेदन पत्र भरना होगा और पीओपी-एसपी को केवाईसी दस्तावेज जमा करना होगा. PRAN को पत्राचार पते पर भेजा जाता है. इसके बाद कोई भी व्यक्ति निवेश शुरू करने के लिए पहला योगदान (न्यूनतम 500 रुपये) कर सकता है.

ऑनलाइन आवेदन

पैन और बैंक विवरण का उपयोग करके ईएनपीएस वेबसाइट (https://enps.nsdl.com) पर जाना होगा. ऑनलाइन फॉर्म में आवश्यक विवरण (पैन, आधार आदि) भरें और केवाईसी सत्यापन दस्तावेज जैसे आधार की स्कैन की हुई कॉपी और फोटो अपलोड करें. आधार ओटीपी प्रमाणीकरण का उपयोग करके केवाईसी करना आवश्यक है. रजिस्ट्रेशन के बाद व्यक्ति को पंजीकृत ई-मेल आईडी पर PRAN प्राप्त होगा.

निवेश विकल्प

निवेश के दो विकल्प हैं: ऑटो या एक्टिव विकल्प. 'ऑटो' विकल्प में निवेश को उम्र के आधार पर प्रबंधित किया जाता है, जबकि 'एक्टिव' विकल्प किसी को परिसंपत्ति वर्गों के बीच प्रतिशत आवंटन तय करने की अनुमति देता है.

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