Holi 2023: होली में लोग जमकर एक-दूसरे पर गुलाल उड़ाते हैं और रंग लगाते हैं. इस दिन लोग सारी पिछली बातों को भूलकर एक साथ त्योहार मनाते हैं. साथ-साथ नाचना गाना, खाना-खिलाना होता है. वहीं, कुछ लोग इस हंसी-खुशी के माहौल का गलत फायदा भी उठाते हैं और महिलाओं को देखकर उन्हें जबरन रंग लगाते हैं. अगर कोई महिला रंग लगवाना नहीं चाहती है तो जोर जबरदस्ती ना करें. आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है.
हर साल होली के त्योहार में महिलाओं से छेड़छाड़ की बहुत सी घटनाएं सामने आती है.
कुछ लोग होली के नाम महिलाओं को जबरदस्ती रंग लगाते हैं और रंगों के बहाने उन्हें गतल तरीके से छूने की कोशिश करते है.
कानूनन ऐसा करना अपराध है. ऐसी स्थिति में अगर कोई महिला शिकायत कर दें तो आरोपी को सीधे जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ पर भारतीय दंड सहिता की धारा 354 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
वहीं, जबरदस्ती रंग लगाने पर महिलाएं भारतीय संहिता की धारा 509 के तहत छेड़खानी की शिकायत कर सकती हैं. दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 1 साल की जेल या जुर्माना दोनों हो सकते हैं.
इसके साथ ही धारा 294 (छेड़खानी करने), धारा 354 (लज्जा भंग करना), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (हमला), धारा 509 (किसी महिला की लज्जा का अपमान करने के इरादे से कड़े शब्द कहना) के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
अगर कोई होली में नशे में या बिना नशे की स्थिति में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करता है तो उन्हें 1 साल से ज्यादा की सजा हो सकती है, जो 5 साल तक हो सकती है.
वहीं, आईपीसी की धारा 188 के तहत उन लोगों पर मुकादमा दर्ज किया जा सकता है, जो राहगीरों की सहमति के बिना उन पर पानी या रंग के गुब्बारे फेंकते हैं.
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