Infertility: भारत में हर 7 में से 1 कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से है परेशान, इन आदतों में आज से करें बदलाव
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Infertility: भारत में हर 7 में से 1 कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से है परेशान, इन आदतों में आज से करें बदलाव

भारत में लगभग 10 से 14 प्रतिशत कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं. मेट्रोपोलिटन सिटी में इसकी दर अधिक है जहां हर छह जोड़ों में से एक इनफर्टिलिटी से प्रभावित है.

Infertility: भारत में हर 7 में से 1 कपल इनफर्टिलिटी की समस्या से है परेशान, इन आदतों में आज से करें बदलाव

इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (ISAR) के अनुसार, इनफर्टिलिटी (बांझपन) पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है और फिलहाल इससे 10-14% भारतीय जोड़ों प्रभावित हैं. यदि आप स्वाभाविक रूप से एक वर्ष से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं और फिर भी नहीं हो पा रहे हैं तो मेडिकल हेल्प लेना अनिवार्य है. क्योंकि ऐसे कई फैक्टर हैं जिसकी वजह से आप प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही हैं. इनमें से कई फैक्टर को चिकित्सा उपचार या लाइफस्टाइल में परिवर्तन के माध्यम से पलटा जा सकता है.

अभी भी बहुत से लोग बांझपन के मुद्दों और आईवीएफ के काम को नहीं समझते हैं. आपको बता दें कि आईवीएफ आमतौर पर बांझपन के लिए एकमात्र उपचार विकल्प नहीं है. यह उन जोड़ों के लिए है जिन्होंने कुछ समय के लिए स्वाभाविक रूप से गर्भवती होने की कोशिश की है लेकिन असफल रहे हैं. ये जोड़े चिकित्सा, जेनेटिक, लाइफस्टाइल से संबंधित समस्याओं आदि से निपट सकते हैं. डॉक्टर्स के अनुसार, पुरुषों में स्पर्म काउंट की कम संख्या और महिलाओं में अंडे के भंडार में कमी हाल के वर्षों में काफी प्रचलित रही है. इसके सबसे बड़े कारण हैं गतिहीन लाइफस्टाइल, पर्यावरण की स्थिति, ड्रग्स की लत, शराब और धूम्रपान के साथ-साथ अन्य चीजें शामिल हैं. इसके अलावा ज्यादातर लोग पीसीओडी, डायबिटीज, और थायरॉयड सहित बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं, जो फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं.

लोग अक्सर बांझपन को स्त्री की स्थिति के रूप में देखते हैं, लेकिन आपको बता दें कि बांझपन का 20% पुरुष और महिला दोनों के कारण होता है, 40% पुरुष फैक्टर द्वारा और 40% महिला फैक्टर द्वारा. आइए जानते हैं कि महिलाओं में बांझपन और पुरुषों में कम स्पर्म काउंट का क्या कारण है.

महिलाओं में बांझपन का कारण

  • पेल्विक सूजन की बीमारी (pelvic inflammatory disease)
  • एंडोमेट्रियोसिस 
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
  • फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज
  • थायरॉइड
  • फाइब्रॉएड

पुरुषों में कम स्पर्म काउंट का कारण

  • धूम्रपान, शराब और ड्रग्स
  • अत्यधिक व्यायाम
  • गर्मी
  • ज्यादा टाइट कपड़े पहनना
  • तनाव

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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