Heart Attack CPR Training: देश में हर साल हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब आमजन को CPR की व्यापक ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. इसका नोडल सेंटर एम्स को बनाया गया है.
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How to Avoid Heart Attack: राह चलते नाचते गाते या फिर कसरत करते वक्त लोगों को अचानक हार्ट अटैक आने की तस्वीर आपने भी देखी होगी. अगर ऐसे वक्त में आसपास कोई व्यक्ति दिल की धड़कन को टेंपरेरी तौर पर वापस लाने की प्रक्रिया यानी सीपीआर समझता हो तो कई मरीजों को बचाया जा सकता है, इसकी पहल एम्स ने की है. देश की राजधानी दिल्ली में बने भारत के सबसे विश्वसनीय अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस ने पहली बार एक बड़ा फैसला लिया है. ऐसा फैसला लेने वाला यह देश का पहला स्वास्थ्य संस्थान है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुरू किया अभियान
एम्स में काम करने वाले सभी डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ और यहां तक की सामान्य स्टाफ को भी सीपीआर की ट्रेनिंग दी जाएगी. अचानक हार्ट अटैक आने से या हार्ट फेल होने से दिल की गति रुक जाने वाले मरीजों को कुछ मिनट की सीपीआर अगर सही तरीके से दे दी जाए तो उन्हें जान बचाकर अस्पताल तक पहुंचा जा सकता है. भारत में हाल फिलहाल में युवा लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. उसके बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय में कार्डियोपलमोनरी रिससिटेशन को लेकर एक अभियान छेड़ा.
स्टाफ को दी जाएगी सीपीआर की ट्रेनिंग
इस अभियान के तहत एम्स में काम करने वाले हर स्टाफ को सीपीआर सिखाई जाएगी, जो लोग मेडिकल बैकग्राउंड से नहीं आते उन्हें बेसिक कर घंटे की ट्रेनिंग दी जाएगी. वार्ड बॉय और नर्स जैसे पैरामेडिकल स्टाफ को एक दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी जबकि डॉक्टर को दो दिन की ट्रेनिंग मिलेगी.
आने वाले समय में हार्ट अटैक के मरीजों को बचाने के लिए जिम, स्कूलों और कॉलेजों में सिखाई जाएगी CPR TECHNIQUE Cardio pulmonary resuscitation वो टेक्नीक है जिसमें सीने पर जोर से दबाव देकर मरीज के हार्ट को दोबारा चालू किया जा सकता है.
बचाई जा सकेगी लाखों लोगों की जान
सीपीआर क्रिया करने में सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और CPR देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटनों के बल बैठ जाता है.
उसकी नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है. जीभ अगर पलट गयी है तो उसे सही जगह पर उंगलियों के सहारे लाया जाता है.
Patient के सीने के बीचोबीच हथेली रखकर पंपिंग करते हुए दबाया जाता है. एक से दो बार ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाएंगी. पंपिंग करते समय दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रख कर उंगलियो से बांध लें अपने हाथ और कोहनी को सीधा रखें.
हथेली से छाती को 1 -2 इंच दबाकर एक मिनट में 100-120 बार दबाव दिया जा सकता है. ऐसा 20 मिनट से 50 मिनट तक कर सकते हैं लेकिन इसके लिए ट्रेनिंग की जरुरत होती है.