AI बेस्ड ऐप बन सकता है आपके कैंसर ट्रीटमेंट का साथी, AIIMS के स्टडी में सामने आई बड़ी जानकारी
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AI बेस्ड ऐप बन सकता है आपके कैंसर ट्रीटमेंट का साथी, AIIMS के स्टडी में सामने आई बड़ी जानकारी

आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने कैंसर पेशेंट के लिए एक AI बेस्ड ऐप बनाया है. इस ऐप का नाम (UPPCHAR) है. आइए जानते हैं कि ये ऐप कैसे कैंसर पेशेंट का ध्यान रख सकेगा.

AI बेस्ड ऐप बन सकता है आपके कैंसर ट्रीटमेंट का साथी, AIIMS के स्टडी में सामने आई बड़ी जानकारी

आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस यानी AI आज हर क्षेत्र में पांव पसार रहा है. बहुत से लोगों का मनना है कि आने वाले समय में AI हमारे काम को और आसान करने वाला है. कुछ लोगों ने इस बात की चिंता भी जताई है कि AI बहुत से लोगों को बेरोजगार कर सकता है. खैर, ये बात सच होती हुई दिख रही है कि AI हमारे जीवन को आसान बना सकता है.

2021 में शुरू हुआ था स्टडी

आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने कैंसर पेशेंट के लिए एक AI बेस्ड ऐप बनाया है. इस ऐप का नाम (UPPCHAR) है. ये ऐप कई कैंसर पेशेंट की देखभाल में और दवा का पालन कराने के लिए कारगर साबित हुआ है. यह जानकारी एम्स और आईसीएमआर (ICMR) के एक साझा स्टडी में सामने आई है. जल्द ही कुछ महीनों में स्टडी पूरा होने की संभावना है. यह स्टडी 2021 में शुरू किया गया था. इस स्टडी में ऐप के प्रभाव की तुलना पारंपरिक पर्चे के साथ की गई है, जिसमें एडवांस कैंसर पेशेंट को दवा पालन करने पर प्रयोग की गई है. 

मोबाइल ऐप ग्रुप vs पर्चे वाले ग्रुप

इस स्टडी में कुल 204 पेशेंट को शामिल किया गया था, जिनमें से हर कटेगरी में 50% पेशेंट रखा गया था. विशेषज्ञों के अनुसार, स्टडी पूरी होने के बाद, जो एडवांस स्टेज के कैंसर से पीड़ित हैं, उनके लिए ये ऐप वरदान साबित हो सकता है. शुरुआती परिणाम बताते हैं कि मोबाइल ऐप का उपयोग करने वाले पेशेंट ने पर्चे वाले ग्रुप की तुलना में दवाओं के बेहतर पालन किया है. शोधकर्ताओं के अनुसार, इसका मतलब है कि मोबाइल ऐप-आधारित सिस्टम पेशेंट के देखभाल को बढ़ावा देने का काम करेगा.

AI के हिसाब से रखा जाएगा डेटा

ऑन्को-एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. राकेश गर्ग ने कहा कि पेशेंट चाहे तो जरुरी जानकारी, जैसे दर्द या कितनी बार उल्टी हुई और कौन कौन सी दवा की खुराक ली नोट कर सकते हैं. हालांकि, ऐप सिर्फ एक क्लिक में सब कुछ रिकॉर्ड कर सकता है और दवा का सुझाव भी दे सकता है. उनके स्टडी के अनुसार, लगभग 85% लोगों के पास बेसिक स्मार्टफोन  है, इसलिए यह ऐप पेशेंट के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

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