DNA: क्या जम्मू- कश्मीर की डेमोग्राफी बदल रहे रोहिंग्या घुसपैठिए? उन्हें कौन बांट रहा है 'आधार'
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DNA: क्या जम्मू- कश्मीर की डेमोग्राफी बदल रहे रोहिंग्या घुसपैठिए? उन्हें कौन बांट रहा है 'आधार'

DNA on Rohingya Muslim: क्या रोहिंग्या घुसपैठिए जम्मू कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने में लगे हैं. जम्मू कश्मीर में 5 जिलों में की गई रेड में उनके पास से आधार कार्ड समेत कई कागजात बरामद किए गए हैं.

DNA: क्या जम्मू- कश्मीर की डेमोग्राफी बदल रहे रोहिंग्या घुसपैठिए? उन्हें कौन बांट रहा है 'आधार'

Zee News DNA on Rohingya Muslim: रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर भारत का रुख साफ है. भारत रोहिंग्या मुस्लिमों को अवैध प्रवासी मानता है. बावजूद इसके सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में 40 हज़ार रोहिंग्या मुस्लिम अवैध तरीके से रह रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम जम्मू-कश्मीर में रहते हैं. इसलिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो दिन उन जिलों में Raid की, जहां बड़ी संख्या में रोहिंग्या अवैध तरीके से रहते हैं. इन रोहिंग्याओं ने अवैध तरीके से भारतीय दस्तावेज बनवा लिए हैं. इनकी मदद कुछ स्थानीय लोग कर रहे हैं. जिनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है.

5 जिलों में मारे गए छापे

रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर पुलिस ने 18 और 19 दिसंबर को एक साथ प्रदेश के 5 जिलों में कार्रवाई की. इनमें किश्तवाड़, रामबन, पुंछ, डोडा और राजौरी जिले शामिल रहे. पुलिस को ऐसे Inputs मिले थे, कि जम्मू-कश्मीर में बांग्लादेश से आए रोहिंग्याओं को अवैध तरीके से जम्मू-कश्मीर में बसाया जा रहा है, कुछ स्थानीय लोग अपने निजी फायदे के लिए इन रोहिंग्याओं के फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद कर रहे हैं. पुलिस को Inputs मिले कि अवैध तरीके से जम्मू-कश्मीर में रहने वाले रोहिंग्या देशविरोधी गतिविधियों में भी शामिल हैं.

पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के बाद, इसी वर्ष 18 अक्टूबर को एक High Powered Committee का गठन किया गया था. जिसका उद्देश्य 1 जनवरी 2011 से जम्मू-कश्मीर में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करना था. इस Committee को Foreigners Regional Registration Officer आर के गोयल लीड कर रहे हैं.

कई फर्जी दस्तावेज हुए बरामद

Raid के दौरान पुलिस ने जम्मू-कश्मीर में रहने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों के दस्तावेजों की जांच की, जांच में कई रोहिंग्या मुस्लिमों के पास फर्जी भारतीय दस्तावेज बरामद किये गये. पुलिस के मुताबिक 30 ठिकानों पर Raid की गई थी, जिसमें 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुल 50 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

कार्रवाई के दौरान पुलिस ने किश्तवाड़ से कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया, इनमें 6 रोहिंग्या जबकि 7 स्थानीय मददगार शामिल है. डोडा जिले से 10 लोगों को Arrest किया गया, पुंछ जिले से 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इनमें एक सरपंच भी शामिल है. वहीं जम्मू शहर से 2 लोग गिरफ्तार किये गये. जबकि रामबन और राजौरी जिले से 1-1 को गिरफ्तार किया गया. 

इससे पहले मार्च 2021 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने विशेष अभियान चलाया था, तब 250 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था, जिन्हें कठुआ जेल के Holding Centre में रखा गया है. इस बार अवैध तरीके से जम्मू-कश्मीर में रहने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई के साथ साथ, उन स्थानीय लोगों पर भी कार्रवाई करना था. जो अपने छोटे से फायदे के लिए रोहिंग्याओं की मदद करके, देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने की घुसपैठियों की मदद

जम्मू-कश्मीर पुलिस की Raid में खुलासा हुआ, कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों ने भारतीय दस्तावेज बनवा लिए हैं. इसमें उनकी मदद कुछ स्थानीय लोगों ने की. ऐसे स्थानीय लोगों के खिलाफ भी पुलिस ने FIR दर्ज की है. Raid में पुलिस ने रोहिंग्याओं के पास से फर्जी भारतीय दस्तावेज भी बरामद किये हैं.

पुलिस को Raid के दौरान रोहिंग्याओं के PAN Card, Aadhar Card मिले है. इसके अलावा रोहिंग्याओं के Bank Account से संबंधित Documents भी मिले है. इसके अलावा Voter Card, Ration Card, Rent Agreement, Credit Card, Sim Card, पानी और बिजली के बिल बरामद किये गये. रोहिंग्याओं के पास से गाड़ियों की RC यानी Registration Certificate भी मिले.

आधार कार्ड, PAN कार्ड और Voter कार्ड की मदद से अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों को फर्जी तरीके से भारतीय नागरिक बनाने की कोशिशें की जा रही थी. इसमें इन रोहिंग्याओं के मददगार कुछ स्थानीय लोग बने थे. भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए रोहिंग्या स्थानीय लोगों से शादी तक कर रहे हैं. इसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है.

लोकल लोगों से वैवाहिक रिश्ते

पुलिस के मुताबिक नुमान नाम का रोहिंग्या मुस्लिम वर्ष 2013 से मेढ़र के गांव धारग्लून में रह रहा है. मोहम्मद नुमान ने वर्ष 2016 में स्थानीय लड़की फरजाना से शादी कर ली. इसके बाद ससुर नजीर की मदद से आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया. गांव के सरपंच की मदद से राशन कार्ड फिर तैयार करा लिया गया. पुलिस ने मोहम्मद नुमान को 30 नवंबर 2023 को गिरफ्तार कर लिया था.

ऐसे बहुत से रोहिंग्या मुस्लिम हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में बसने के बाद स्थानीय लोगों से शादी कर ली और फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिये. लेकिन अब ऐसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाले भारत को शरणार्थियों से कभी समस्या नहीं रही. भारत को समस्या शरणार्थियों के वेष में घुसपैठियों से है. गृह मंत्रालय का अनुमान है कि इस समय देश में 40 हजार रोहिंग्या है. जबकि United Nations High Commissioner for Refugees के मुताबिक़ भारत में 18 हज़ार के क़रीब रोहिंग्या शरणार्थी Registered हैं.

भारत UNHCR की तरफ से जारी किये गये शरणार्थी कार्ड को स्वीकार नहीं करता है क्योंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के 1951 के शरणार्थी अधिवेशन पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं. आसान भाषा में कहें तो इसका मतलब ये है कि भारत में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों के पास नौकरी, राशन, आवास या शिक्षा मांगने का अधिकार नहीं है.

भारत घुसपैठियों की राजधानी नहीं बन सकता

इसको लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दिया था. जिसमें उसने कहा था कि भारत अवैध घुसपैठियों की राजधानी नहीं बन सकता. इस हलफ़नामे में केंद्र सरकार ने कहा था - 

- रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

- रोहिंग्याओं की घुसपैठ में पाकिस्तान के आतंकी संगठन शामिल हैं. ये आतंकी संगठन उन्हें भारत के खिलाफ़ इस्तेमाल कर सकते हैं.

- सुरक्षा एजेंसियों को रोहिंग्याओं के ISI से जुड़े होने के सबूत मिले हैं.

- इसके अलावा कट्टरपंथी संगठनों से भी रोहिंग्याओं के संबंध होने के सबूत मिले हैं.

- रोहिंग्याओं के जरिए देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश हो सकती है.

- रोहिंग्या हवाला और दूसरे अवैध तरीकों से पैसे जुटा रहे हैं.

- फर्जी पैन कार्ड और वोटर कार्ड के जरिए ये पैसे जुटाए जाते हैं.

- सरकार ने रोहिंग्या को मानव तस्करी में भी शामिल बताया था.

- हलफ़नामे में ये भी कहा गया था कि देश के कई हिस्सों में रोहिंग्या के कारण जनसंख्या का धार्मिक असंतुलन हो रहा है.

रोहिंग्या देश के लिए बड़ा खतरा

भारत सरकार का Clear Stand है कि रोहिंग्या देश के लिए बड़ा खतरा हैं और उन्हें देश में घुसाने वाले और बसाने वाले अपराधी हैं. जो संगठित गिरोह चलाकर रोहिंग्या मुसलमानों को भारत की नागरिकता के दस्तावेज मुहैया करवाते हैं. लेकिन आखिर रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं और ये भारत में क्यों आ रहे हैं...अब ये आपको बताते हैं. 

इस्लाम को मानने वाला रोहिंग्या एक जातीय समुदाय है. रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहते थे. रखाइन म्यांमार के उत्तर-पश्चिमी सीमा पर है जो बांग्लादेश के बॉर्डर से जुड़ा है. म्यामांर इन्हें अपना नागरिक नहीं मानता है. 1982 में म्यांमार ने रोहिंग्या को नागरिकता से वंचित कर दिया. बार-बार नरसंहार के बाद रोहिंग्या ने म्यांमार से पलायन शुरू कर दिया. बड़ी संख्या में रोहिंग्या बांग्लादेश में बस गये.बांग्लादेश के बाद रोहिंग्या की एक बड़ी तादाद चोरी-छिपे घुसपैठ करते हुए भारत में आती रही. रोहिंग्या की एक बड़ी संख्या कई वर्षों से भारत के अलग-अलग हिस्सों में रह रही है.

इन राज्यों में रह रहे अवैध घुसपैठिए

गृह मंत्रालय के मुताबिक रोहिंग्या भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, मणिपुर में रह रहे हैं. देशभर में 90 से ज्यादा स्थानों पर रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे हैं . ज्यादातर रोहिंग्या...मुस्लिम इलाकों में रह रहे हैं. हैदराबाद में 40 फीसदी मुस्लिम आबादी है और वहां करीब 7200 रोहिंग्या रह रहे हैं. इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि रोहिंग्या ने कितने बड़े स्तर पर भारत में घुसपैठ की है और कहां-कहां तक ये फैले हुए हैं.

भारत सरकार ने रोहिंग्याओं पर अपना रुख बार-बार स्पष्ट किया है. सरकार के अनुसार, वो सभी विदेशी नागरिक जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं, वो विदेशी अधिनियम, 1946 और 1920 पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं और भारत सरकार के पास इन लोगों को निर्वासित करने का अधिकार है. 

2017 में ही, गृह मंत्रालय ने इन अधिनियमों के उल्लंघन के लिए रोहिंग्याओं की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के लिए सभी राज्य सरकारों को एक पत्र लिखा था. पत्र में पुलिस से पासपोर्ट अधिनियम, 1920 की धारा 4 और विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत भारत में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था.

जम्मू कश्मीर में पहले भी हुई थी कार्रवाई

अलग-अलग राज्य सरकारों ने अवैध रोहिंग्याओं पर कार्रवाई की है. मार्च 2021 में, Jammu पुलिस ने एक अभियान के दौरान जम्मू शहर में अवैध रूप से रह रहे 250 से अधिक रोहिंग्याओं को पकड़ा था. जुलाई 2021 में, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते यानी ATS ने कार्रवाई करते हुए चौहत्तर रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया था. हालांकि इन नियमित कार्रवाइयों के बाद भी भारत के कई शहरों में अवैध रोहिंग्याओं की संख्या बढ़ती रही.

वर्ष 2017 में, जम्मू और कश्मीर सरकार ने बताया था कि राज्य में लगभग 13 हजार 700 विदेशी शरणार्थी थे, जिनमें से लगभग 6000 रोहिंग्या थे . स्थानीय लोगों के मुताबिक अब ये संख्या 10 हजार के पार पहुंच गई है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात ये है कि उनमें से कई फर्जी पहचान पत्र हासिल करने में भी सफल रहे.

अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और नकली पहचान पत्र बनवाकर खुद को भारतीय बताने वाले रोहिंग्या...देश की सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा हैं..ये कई खुफिया Reports में बताया जा चुका है. 2018 में बोध गया में हुए बम विस्फोट में भी रोहिंग्याओं का हाथ पाया गया था. NIA के अनुसार, बम विस्फोट म्यांमार सरकार से लड़ने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए किया गया था. 

ड्रग्स की तस्करी में भी हो रहे शामिल

रोहिंग्या तस्करी, अपहरण और DRUGS की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल पाए गए. नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल रोहिंग्याओं को ढाका, हैदराबाद और दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. इस साल नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में भी रोहिंग्याओं को शामिल पाया गया था और उनमें से कई को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.

हाफिज सईद और जाकिर मूसा जैसे आतंकियों ने भी रोहिंग्याओं को आतंकी गतिविधियों में फंसाने के लिए वीडियो जारी किए हैं. यह सब स्पष्ट रूप से भारत में रोहिंग्याओं द्वारा उत्पन्न सुरक्षा खतरों की ओर इशारा करता है. लेकिन एक वर्ग है जो रोहिंग्याओं पर सरकार की नीतियों और नीयत को धार्मिक Angle से देख रहा है. जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि रोहिंग्याओं के खिलाफ खिलाफ कार्रवाई का ना तो कोई धार्मिक पहलू है और ना ही कोई सांप्रदायिक Angle.

UNHRC के अनुसार, वर्ष 2022 तक, 46 हजार से ज्यादा शरणार्थी UNHRC India के साथ पंजीकृत हैं. इनमें से 27 हजार से ज्यादा अफगान नागरिक हैं, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं. रोहिंग्याओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई, भारत में उनकी अवैध उपस्थिति, रोहिंग्या समूहों के आतंकियों से संपर्क और फर्जी पहचान पत्र हासिल करने से देश की सुरक्षा पर खतरे को लेकर की जा रही है.

पश्चिम देश भी अपना रहे सख्त रुख

फिर भी कई देश और संगठन..रोहिंग्याओं के खिलाफ भारत की कार्रवाई को मानवाधिकार के खिलाफ बताने से बाज नहीं आते. ऐसे लोग भारत से बाहर ही नहीं..बल्कि देश के अंदर भी मौजूद हैं. लेकिन भारत को अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों की दुहाई देने वालों को ये भी याद रखना चाहिए कि पश्चिमी देश भी अवैध प्रवासियों को लेकर क्या नीति अपना रहे हैं. 

ब्रिटेन सरकार ने हाल ही में ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों को रवांडा निर्वासित करने के लिए एक विधेयक पेश किया है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी दक्षिणी सीमाओं से अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को रोकने के लिए 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक High Tech Border Wall बनाई है. 

Australia ने भी अपने Main Land से दूर Nauru (नाउरू) द्वीप में अवैध प्रवासियों के लिए Detention Camp बनाया हुआ है. जहां ऑस्ट्रेलिया में अवैध रुप से घुसे प्रवासियों को हिरासत में रखा जाता है. ये सब तो कुछ नहीं..मुस्लिम देश ही अब अवैध मुस्लिम शरणार्थियों को कबूल करने से कतरा रहे हैं. इसका सबसे ताजा उदाहरण तो पाकिस्तान का ही है. 

पाकिस्तान की नजीर देख लीजिए

पिछले महीने ही पाकिस्तान ने अपने यहां...गैरकानूनी रूप से रह रहे लाखों अफगानी शरणार्थियों को निकालने के लिए अभियान शुरु किया है . UNHCR के मुताबिक पाकिस्तान में 37 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थी रहते हैं. इनमें से 7 लाख... साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान पहुंचे हैं. पाकिस्तान में करीब 17 लाख अवैध अफगानी शरणार्थी हैं, जिनके पास पाकिस्तान में शरण लेने से जुड़ा कोई वैध दस्तावेज नहीं है. जिन्हें पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा मानता है...

यानि अवैध शरणार्थियों के खिलाफ हर देश कार्रवाई करता है क्योंकि अवैध शरणार्थी किसी भी देश की सुरक्षा को चुनौती देते हैं . फिर चाहे उनका धर्म कोई भी क्यों ना हो. यही बात भारत में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों पर भी लागू होती है. भारत के पास पूरा हक है कि वो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से हर वो कदम उठाए..जो उचित है . रोहिंग्या शरणार्थियों पर Action भी इसी से जुड़ा है.

 

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