Opinion: तीन पर की तितली, नहा धो के निकली... बूझो कौन? भारत का सबसे सस्ता और टेस्टी स्नैक्स, कीमत बस 5 से 10 रुपये
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Opinion: तीन पर की तितली, नहा धो के निकली... बूझो कौन? भारत का सबसे सस्ता और टेस्टी स्नैक्स, कीमत बस 5 से 10 रुपये

World Samosa day: तीन पर की तितली नहा धो के निकली, बताओ क्या? इस पहेली के बारे में आपने भी सुना होगा. समोसा सबको बहुत अच्छा लगता है, भला हो भी क्यों ना आखिर ये देश का सबसे सस्ता, यमी और टेस्टी स्नैक्स जो है. दो पीस खाकर पानी पी लेने से पेट में उछलकूद मचा रहे चूहे शांत हो जाते हैं.

फोटो साभार: सोशल मीडिया

World Samosa Day: 10वीं सदी के आसपास मध्य एशिया से निकला समोसा आज भारत का सबसे फेवरेट और पॉपुसर स्नैक का दर्जा हासिल कर चुका है. अपने देश में तो समोसे के बगैर स्नैक्स का ख्वाब ही अधूरा है. समोसे की इसी गजब लोकप्रियता के चलते अब हर साल 05 सितंबर को वर्ल्ड समोसा डे मनाया जाता है. सुंदर स्टाइलिश डिजाइन, तिकोना फूला आकार और उसके अंदर भरा मसालेदार आलू, मटर और पनीर की टॉपिंग. कहीं से खुशबू आ रही हो या दिखाई पड़ जाए, समोसे का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है. भला हो भी क्यों ना क्योंकि समोसे को भारत में ग्लोबल स्नैक्स जैसा दर्जा जो हासिल है.

समोसा यानी देश का सबसे फेवरेट, टेस्टी और सस्ता स्नैक्स, जो आपको दिल्ली से लेकर मुंबई दुनियाभर के तमाम रेस्ट्रां तक में ऑन डिमांड मिल जाता है. माना जाता है कि समोसा मिडिल ईस्ट से आया पकवान है जो धीरे-धीरे भारत समेत दुनियाभर में पॉपुलर हो गया. इस यमी और टेस्टी व्यंजन का आनंद और इसके बनने का किस्सा ही अलग है. आइए इसके आकर्षक इतिहास के बारे में आपको बताते हैं क्योंकि इसके लिए बाकायदा एक दिन डेडीकेट किया गया है. 

आप इग्नोर नहीं कर सकते

समोसे का इंडिया में वो रुतबा है जैसे दुनिया में नॉनवेज का. खासकर स्नैक्स की समोसा का जलवा इस कदर कायम है कि भले ही आप इसके प्रशंसक हों या न हों. पहली बार समोसा खा रहे हों या दिन में 10 बार खाने से भी बोर न होते हों, आप इसे इग्नोर नहीं कर सकते. ब

चपन में समोसे से जुड़ी एक पहली भी आपने जरूर सुनी होगी- 'तीन पर की तितली नहां धो के निकली, बताओ क्या'? कानपुर हो या कलकत्ता (कोलकाता), बरेली हो या बांसवाड़ा, समोसे के शौकीन आपको हर जगह मिल जाएंगे. कैलोरी कांशियस लोग हों या स्वाद के शौकीन, समोसों के बारे में बात करना और उन्हें खाना सबको अच्छा लगता है. भला हो भी क्यों ना समोसा देश का सबसे सस्ता, यमी और टेस्टी स्नैक्स जो है. बस 2 पीस खाकर एक गिलास पानी भर पी लेने से पेट में उछलकूद मचा रहे चूहे शांत बैठ जाते हैं.

विश्व समोसा दिवस 2024

सितंबर का दिन यानी विश्व समोसा दिवस आपके सबसे प्रिय व्यंजनों में से एक का जश्न मनाने का आदर्श अवसर है. जो अपने स्वादिष्ट स्वाद और व्यापक अपील के लिए जाना जाता है. इस अनोखे दिन का मुख्य फोकस समोसा का आनंद और अनोखा समोसा साझा करना है. जश्न मनाने के एक तरीके के रूप में, हम समोसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली भराई और तैयारियों की विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान देते हैं, एक ऐसा आनंद जिसे हर जगह लोग पसंद करते हैं. विश्व समोसा दिवस इस स्वादिष्ट नाश्ते का आनंद लेने और इसकी सराहना करने के लिए आपका स्वागत करता है, चाहे आप क्लासिक स्वाद का आनंद ले रहे हों या कुछ नए स्वाद ले रहे हों.

पचास तरह का समोसा

आज सोशल मीडिया का जमाना है, लोग खाने पीने की चीजों से भद्दा मजाक कर रहे हैं. नेटिजंस के बीच वायरल होने यानी रील और स्टोरी बनाने के चक्कर में अर्थ का अनर्थ किया जा रहा है. आज बाजार में आपको 50 तरह के समोसे मिल जाएंगे. पिज्जा समोसा से लेकर  ृचॉकलेट समोसा बनाकर समोसों की मूल आत्मा से खिलवाड़ करने की कोशिशें आए दिन होती हैं, लेकिन आज तक इसका कोई भी दूसरा स्वरूप उसे रिप्लेस नहीं कर पाया है और शायद कभी कर भी नहीं पाएगा. 

जब तक रहेगा समोसे में आलू...

सियासतदान हों या शायर समोसे के कद्रदान हर जगह हैं. बॉलीवुड भी समोसे के स्वाद और उसकी ताकत से अछूता नहीं है. जब तक रहेगा समोसे में आलू, चिपकी रहेगी तुझसे ये ... जैसे गीत हों या 'जब तक रहेगा समोसे में आलू बिहार में तबतक रहेगा लालू' जैसा सियासी सारा... समोसा पूरे यूपी, बिहार और बंगाल समेत हर जगह सुपरहिट और हरदिल अजीज है. महंगाई भले ही रॉकेट की तरह आसमान छू रही हो लेकिन समोसा आज भी देश के हर हिस्से में पांच से दस रुपये में मिल ही जाता है.

समोसे का इतिहास

स्वाद के चटोरों और तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक अपने स्वाद के दम पर भारत में फ्राइड फूड का शहंशाह बन चुका समोसे की उत्पत्ति ईरान में हुई. ये वहीं से आया. एक थ्योरी ये भी दी जाती है कि 10वीं सदी के दौरान महमूद गजनवी के दरबार में एक शाही पेस्ट्री पेश की जाती थी, उसमें कीमा (मुर्ग मसल्लम) की स्टफिंग होती थी. जो काफी हद तक समोसे जैसी ही होती थी. इंडिया वाले पंजाब से लेकर पाकिस्तान के पंजाब तक समोसों की अपनी बादशाहत बरकरार है. पाकिस्तान में भी समोसे का नाम बड़े अदब से लिया जाता है.  पाकिस्तानी समोसे भी आलू और सब्जियों जैसी समाग्री से भरे होते हैं. खासकर दक्षिण सिंध प्रांत या पूर्वी पंजाब के मसालों से लैस समोसों की बात ही कुछ और है. फैजाबाद से लेकर फैसलाबाद तक के समोसे मशहूर हैं. आखिर ऐसा कौन है जो समोसे का शौकान न हो या उसे खाना न चाहता हो.  

कैसे बनता है समोसा?

गरमागरम कुरकुरे समोसे का बाहरी हिस्सा यानी आउटर लेयर मैदा से बनाई जाती है. इसके अंदर मटर, प्याज, तरह-तरह की सब्जियां, पनीर, मटन या चिकन तक इसमें भरकर डाला जाता है. फिर उन्हें सुनहरा भूरा होने तक डीप फ्राई किया जाता है. समोसा सुबह हो या शाम हाई फाई फूड आउटलेट हों या सड़क किनारे लगने वाले ठेले हर जगह आसानी से मिल जाने वाला सस्ता और पॉपुलर नाश्ता है. इसके स्वाद में चार चांद लगाने के लिए समोसे के साथ पुदीना या धनिये की चटनी परोसी जाती है.

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