'आंदोलन के नाम पर रात में शराब पीती हैं महिलाएं', ममता के मंत्री के बयान से मचा सियासी बवाल
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'आंदोलन के नाम पर रात में शराब पीती हैं महिलाएं', ममता के मंत्री के बयान से मचा सियासी बवाल

Kolkata Doctor's Protest: ममता सरकार के ही कुछ मंत्री हैं जो प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच बनती हुई बात को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ममता के ऐसे ही मंत्रियों में से एक हैं पशु संसाधन विकास मंत्री स्वपन देबनाथ, जिन्होंने एक विवादित बयान देकर अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

'आंदोलन के नाम पर रात में शराब पीती हैं महिलाएं', ममता के मंत्री के बयान से मचा सियासी बवाल

RG Kar Rape Case: एक तरफ ममता सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं तो दूसरी तरफ RGK अस्पताल में रेप मर्डर पर ममता बुरी तरह घिरी हुई हैं, जिससे निकलने के लिए वो प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मान-मनोव्वल करके विरोध प्रदर्शन खत्म करवाने में जी-जान से जुटी हुईं हैं.

लेकिन ममता सरकार के ही कुछ मंत्री हैं जो प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच बनती हुई बात को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ममता के ऐसे ही मंत्रियों में से एक हैं पशु संसाधन विकास मंत्री स्वपन देबनाथ, जिन्होंने एक विवादित बयान देकर अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. वह कह रहे हैं कि RGK अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन के नाम पर रात में महिलाएं शराब पीने जाती हैं.

क्या बोले ममता के मंत्री

टीएमसी के मंत्री स्वपन देबनाथ ने कहा, 'मैंने अपने इलाके में देखा है कि एक होटल में रात को महिलाएं दारू पीने जाती हैं. खबर पाने के बाद मैं दो दिन वहां गया ये देखने कि ये कौन महिलाएं हैं जो उस होटल में दारू पीने जाती हैं.'

तो ये हैं ममता सरकार में मंत्री मिस्टर स्वपन देबनाथ, जिन्हें एक दिन स्वप्न आया कि RGK अस्पताल के बाहर इंसाफ की मांग करने बैठी महिलाएं और लड़कियां रात में शराब पीने जाती हैं. तो इन्हें चिंता हो गई.

'इनके मां-बाप खबर नहीं लेगा?'

स्वपन देबनाथ ने आगे कहा, 'अब इन लोगों को रात में हमें पहरा देना पड़ता है. इनके मां-बाप खबर नहीं लेगा? इन लोग को नहीं पता लड़की किस दारू के दुकान जा रही है. आप आंदोलन करें, मोमबत्ती जलाएं, रैली निकालें, लेकिन मां-बाप खबर नहीं लेगा कि रात को बेटी कहां गई?'

पता नहीं ममता के मंत्री जी को इस बात की टेंशन है कि महिलाएं शराब पीने जाती हैं..या इस बात से दिक्कत है कि रात में शराब पीने जाती हैं..या इस बात का तनाव है कि विरोध प्रदर्शन करने वाली महिलाएं रात में शराब पीने जाती हैं.

देबनाथ यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, 'ये बारिश के टाइम रात 2 बजे दो लड़के और एक लड़की एक जगह बैठकर बीयर पी रहे थे. पुलिस को जानकारी दी गई और लड़की के पैरेंट्स से पूछा गया कि रात को 2 बजे उनकी बेटी कौन सी रात आंदोलन में गई है? मेरे लड़के लोग अगर पहरा नहीं देता, उस हालत में लड़की का अगर कुछ हो जाता तो वो भी हमारे ही ऊपर आता.'

बताइए, कितनी अच्छी बात है..कोई तो मंत्री है..जो विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं की सुरक्षा की चिंता कर रहा है...लेकिन लगता है मंत्री जी को CM ममता बनर्जी की जरा भी चिंता नहीं है, जो प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मनाने के लिए हाथ जोड़ रही हैं...इस्तीफा तक ऑफर कर चुकी हैं..इतनी बेइज्जती सह चुकी हैं.

ममता सरकार के लिए हो ना जाए फजीहत

ममता सरकार के मंत्री ही जब खुलेआम विरोध प्रदर्शन में बैठी महिलाओं को बदनाम करेंगे तो मैसेज तो यही जाएगा कि ममता बनर्जी महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के लिए महिलाओं को ही जिम्मेदार मानती हैं.

तो बात ये है कि ना तो ममता बनर्जी और ना ही उनका मंत्री ये तय करेगा कि महिलाएं और लड़कियां कब प्रदर्शन करेंगी..और ये कौन तय करेगा कि महिलाओं का शराब पीना मना है ?..और ये कैसे मान लिया गया कि विरोध के नाम पर महिलाएं शराब पीने जाती हैं.

अब तक आप समझ गए होंगे कि कैसे ममता के ही मंत्री...बनती हुई बात को बिगाड़ने में लगे हुए हैं...जब प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मनाने में ममता बनर्जी को कामयाबी मिलते दिख रही है..तब ऐसे बयान बनती बात को बिगाड़ने वाले साबित हो सकते हैं और पहले से ही बैकफुट पर चल रहीं ममता बनर्जी की सारी कोशिशें विफल भी हो सकती हैं.

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