नोएडा की इस नदी के पानी का रंग क्यों हो गया लाल, जानें क्या है इसके पीछे की वजह
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नोएडा की इस नदी के पानी का रंग क्यों हो गया लाल, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

Hindon River:  सोनू यादव आज अपने जीवन के 80 के दशक में हैं, और जीवन भर नदी के किनारे रहे हैं. उनका कहना है, 'जब मैं छोटा था तो नदी मछलियों से भरी हुई थी और ग्रामीणों ने इसके किनारों पर फसलें उगाई थीं.' 

(Image credit: @vikrant.tongad/Facebook)

Pollution In Hindon River: उत्तर प्रदेश के नोएडा में बहलोलपुर गांव से होकर बहने वाली हिंडन नदी के पानी का रंग लाल हो गया है, लेकिन क्षेत्र के निवासी हैरान नहीं हैं. सच तो यह है कि ग्रामीणों को हिंडन के पानी को कभी लाल, कभी पीला और कभी काला देखने आदत हो गई है. इलाके में कई अवैध रंगाई इकाईयों की मौजूदगी इसका कारण है.

कई सरकारी और न्यायिक निर्देशों के बावजूद, सीवेज और औद्योगिक कचरे को हिंडन नदी में छोड़ा जा रहा है, जो यमुना की एक सहायक नदी है.  सोनू यादव आज अपने जीवन के 80 के दशक में हैं, और जीवन भर नदी के किनारे रहे हैं. उनका कहना है कि पानी का हालिया रक्त-लाल रंग नदी की 'खून बहने से मौत' के लिए एक रूपक है.

कभी नदी मछलियों से भरी हुई थी, किनारे पर फसलें लहलहाती थीं
सोनू यादव टाइम्स को बताया, ‘जब मैं छोटा था, तो गांव में कोई रंगाई इकाई नहीं थीं, न ही आवासीय कॉलोनियां थीं. नदी मछलियों से भरी हुई थी और ग्रामीणों ने इसके किनारों पर फसलें उगाई थीं. मछली और खेत लंबे समय से चले गए हैं. जो बचा है वह एक नाला है.’

पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड ने समस्या की ओर व्यापक ध्यान आकर्षित करने के लिए हिंडन नदी के लाल पानी की एक तस्वीर फेसबुक पर साझा की.

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) का कहना है कि उसने इन अवैध रंगाई इकाइयों के बिजली कनेक्शन काटने के लिए कहा है. इलाके में ऐसी रंगाई की 30 से ज्यादा इकाइयां सक्रिय हैं.

UPPCB के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा, ‘हमें सोमवार को नदी में लाल रंग छोड़े जाने का एक वीडियो मिला.’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक टीम को तुरंत क्षेत्र में भेजा गया और ऐसी 10 इकाइयों की पहचान की गई - लेकिन वास्तविक संख्या अधिक है.

कुमार ने कहा कि उन्होंने नोएडा के अधिकारियों से इन अनधिकृत इकाइयों के बिजली कनेक्शन को बंद करने का अनुरोध किया है.

हालांकि बहलोलपुर के ग्रामीणों के लिए अब बहुत देर हो चुकी है. उन्होंने नदी के पानी के दूषित होने के डर से इसका उपयोग करना बंद कर दिया है.

16 इकाइयां सील, बिजली भी काटी
इस बीच एक अमर उजाला की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों ने बुधवार को सेक्टर-65 बहलोलपुर स्थित 16 इकाइयों को सील कर बिजली कनेक्शन काट दिए.

करीब तीन घंटे तक चली कार्रवाई में मेसर्स राज प्रोसेर्स, शिवम डाइंग, चंदन डाइंग, वरुण गंगवार डाइंग, शुभम प्रिंटर, प्रीति इंटरप्राइजेज, पूजा डायर्स, राधिक डाइंग, सलीम डाइंग, अभय डाइंग, डीवी इंटरप्राइजेज, न्यूरो प्रिंट, शिवा डाइंग, जय बाबा, आरके इंटरप्राइजेल, आशु डाइंग को सील कर दिया गया और बिजली के कनेक्शन काट दिए गए. इस दौरान अधिकारियों को कुछ लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा. मौके पर पुलिस को बुलाकर कार्रवाई पूरी की गई.

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