BJP Lost Reasons: 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 80 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी 2024 के चुनाव में सिर्फ 33 सीटें ही जीत पाई, जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी (SP) ने 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की.
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Why BJP lead NDA Lost 44 seats in UP: उत्तर प्रदेश में साल 2019 के लोकसबभा चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 में 33 सीटों पर सिमट गई. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को इस बार 44 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. 4 जून को चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद से ही बीजेपी के हार के कारणों की चर्चा लगातार हो रही है. अब राज्य में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि हमें अति आत्मविश्वास की वजह से हार का सामना करना पड़ा है. सीएम योगी ने रविवार को लखनऊ में आयोजित बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में ये बात कही और इस प्रकार की स्थिति से बचने की सलाह दी.
बैकफुट पर आने की जरूर नहीं: सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित सफलता न मिलने की वजहों पर बोलते हुए कहा, 'जब हम आत्मविश्वास में होते है कि हम तो जीत ही रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है.' उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति में 'बैकफुट' पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है. बीजेपी कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने भाजपा कार्यकर्ता से कहा, 'आप विपक्ष में थे तो जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए संघर्ष करते थे, अब जब सरकार में हैं तो उत्तर प्रदेश में सुरक्षित वातावरण देख रहे हैं.'
2027 में फिर फहराना है बीजेपी का परचम: योगी
कार्यसमिति बैठक में सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश में 10 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा सांसद के साथ ही विधायक, विधान परिषद सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, ब्लॉक प्रमुख, चेयरमैन और पार्षद सभी लोग आज से ही 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं, हमें एक बार फिर प्रदेश में भाजपा का परचम लहराना है.
सीएम योगी की नेताओं-कार्यकर्ताओं को नसीहत
सीएम योगी ने कहा कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर अति सक्रिय होना होगा और किसी भी प्रकार की अफवाहों का तत्काल खंडन करना होगा. लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में नसीहत भरे अंदाज में योगी ने कार्यकर्ताओं को कहा, 'भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014, 2017, 2019 और 2022 में भारी सफलता प्राप्त कर विपक्ष को उसकी वास्तविक स्थिति में पहुंचाने का काम किया और लगातार उस पर दबाव बनाए रखा. कोई संदेह नहीं कि 2014, 2017, 2019 और 2022 में (लोकसभा और विधानसभा चुनावों में) जितना मत प्रतिशत भाजपा का रहा, 2024 में भी आप सभी कार्यकर्ताओं के संघर्ष से, मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में भाजपा उतने वोट पाने में सफल रही, लेकिन वोट इधर-उधर होने से समीकरण बदल जाते हैं. ऐसे जब हम आत्मविश्वास में होते कि हम तो जीत ही रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है.'
बीजेपी 33, जबकि सपा ने 37 सीटों पर दर्ज की जीत
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस बार सिर्फ 33 सीट पर जीत मिली, जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी (SP) ने 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की. भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल को दो और अपना दल (एस) को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली. जबकि, अकेले मैदान में उतरे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट पर जीत गए. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) का खाता भी नहीं खुला.
सीएम योगी का विपक्षी दलों पर निशाना
सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो विपक्ष चुनाव के पहले हिम्मत हार कर बैठ गया था, वह आज फिर उछल कूद कर रहा है.' अपनी सरकार की कानून-व्यवस्था की उपलब्धियां गिनाने के साथ ही योगी ने कहा, '2022 के चुनाव के बाद विपक्ष उछल कूद करने लगा और मारपीट पर उतारु हो गया, लेकिन वास्तव में हमारी सरकार के माफिया मुक्त अभियान में आप सबके सहयोग से प्रदेश को गुंडों और माफिया से मुक्त करने में सफलता प्राप्त हुई. उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौरान दलितों, महापुरुषों के अपमान, आरक्षण में भेदभाव और संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया. योगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि समाजवादियों ने राम, कृष्ण और शिव की परंपरा को लहुलुहान किया. उन्होंने समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया को याद करते हुए कहा कि लोहिया जी ने कहा था कि जब तक भारत में राम, कृष्ण और शिव की पूजा होगी भारत को कोई समाप्त नहीं कर सकता, मगर इन समाजवादियों ने राम, कृष्ण और शिव की परंपरा को लहूलुहान किया.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, 'प्रयागराज में जिन राजू पाल और उमेश पाल की हत्या हुई, क्या वे लोग पिछड़ी जाति के नहीं थे. कृष्णानंद राय के साथ रमेश पटेल और रमेश यादव भी मौत के घाट उतार दिए गए, क्या ये पिछड़ी जातियों के नहीं थे. आज माफिया के लिए फातेहा पढ़ने वाले फिर से चिल्ला-चिल्ला कर चुनौती देने की स्थिति में आ गए हैं.' योगी ने कहा कि दुनिया जानती है कि हमारा समाज बिखरा होगा तो आसानी से शिकार हो जाएगा, मगर एकजुट होगा तो बड़ी-बड़ी ताकतें भी इसके सामने धराशाई हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर विभाजित करने और एकजुटता को छिन्न-भिन्न करने का जो पाप इस चुनाव में हुआ है, हमें इससे सतर्क और सावधान होना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमें सोशल मीडिया मंचों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना होगा. इसी सोशल मीडिया का उपयोग करके षड्यंत्रकारी ताकतें और विदेशी अपना काम कर रहे थे, जिसमें वो सफल हो गए. हम राष्ट्रवादी मिशन वाले लोग हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं को ये देखना होगा कि सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है. हमें अफवाहों का तत्काल खंडन करना होगा.'
मुख्यमंत्री योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा, 'याद कीजिए मोहर्रम के समय में सड़कें खाली हो जाती थीं और आज जब मोहर्रम होता है तो पता भी नहीं चलता. ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाए जाते थे. आज कहा जाता है कि गरीब की झोपड़ी नहीं तोड़ेंगे, तार नहीं तोड़ेंगे. हमारा स्पष्ट तौर पर निर्देश है कि पर्व और त्योहार मनाना है तो नियमों के अंतर्गत मनाओ, वरना घर बैठ जाओ.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)