PMO के बॉस, ब्यूरोक्रेसी के महारथी, कहानी पीएम मोदी के 'सेनापति' PK मिश्रा की
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PMO के बॉस, ब्यूरोक्रेसी के महारथी, कहानी पीएम मोदी के 'सेनापति' PK मिश्रा की

PK Mishra: भारत सरकार के कृषि सचिव के रूप में रिटायर हुए 1972 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. पी के मिश्रा पिछले दस सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

PMO के बॉस, ब्यूरोक्रेसी के महारथी, कहानी पीएम मोदी के 'सेनापति' PK मिश्रा की

PK Mishra: भारत सरकार ने गुरुवार को प्रमोद कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के रूप में फिर से नियुक्त किया. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 10 जून, 2024 से प्रभावी होगी. "मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 10.06.2024 से प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में डॉ. पीके मिश्रा, आईएएस (सेवानिवृत्त) की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.

उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, तक रहेगी. 

भारत सरकार के कृषि सचिव के रूप में रिटायर हुए 1972 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. पी के मिश्रा पिछले दस सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अपने रिटायरमेंट के बाद से डॉ. मिश्रा प्रधानमंत्री की टीम के प्रमुख सदस्य रहे हैं.

पी के मिश्रा ने 2014-19 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में भी काम किया है. इसके अलावा, एक अलग नोटिफिकेशन के अनुसार, अमित खरे और तरुण कपूर को 10-06-2024 से दो साल की अवधि के लिए प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है.

कौन हैं पी के मिश्रा?

डॉ. पी के मिश्रा को कृषि, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा क्षेत्र, ढांचागत संरचना, वित्तीय प्रबंधन और नियामक मामलों से संबंधित कार्यक्रमों के प्रबंधन का लंबा अनुभव है. रिसर्च, नीति निर्माण, कार्यक्रम / परियोजना प्रबंधन और प्रकाशन में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है. उन्हें नीति निर्माण और प्रशासन का लंबा अनुभव रहा है. डॉ. मिश्रा प्रधानमंत्री के अपर मुख्य सचिव, कृषि व सहयोग के सचिव, राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन के पदों पर कार्य कर चुके हैं. कृषि व सहयोग सचिव के रूप में उन्होंने नेशनल एग्रिकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (RKVY) और नेशनल सिक्योरिटी मिशन (NSM) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

साल 2014-19 के दौरान प्रधानमंत्री के अपर मुख्य सचिव के रूप में डॉ. मिश्रा को वरिष्ठ पदों पर नियुक्तियों समेत मानव संसाधन प्रबंधन में नवाचार और बदलाव का श्रेय दिया जाता है.

उन्होंने चार वर्षों तक इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज (यूके) में रिसर्च व शिक्षा संबंधी कार्य किए हैं. उन्होंने प्रोजेक्ट के लिए एडीबी और विश्व बैंक के साथ विचार-विमर्श भी किया. पी के मिश्रा इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रोपिक्स (ICIRSAT) के प्रशासनिक परिषद के सदस्य रहे हैं. उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में एक्सपर्ट के रूप में भाग लिया है.

डॉ. मिश्रा को संयुक्त राष्ट्र सासाकावा पुरस्कार 2019 से सम्मानित भी किया गया है. आपदा प्रबंधन में यह सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है.

डॉ. मिश्रा ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से इकोनॉमिक्स / डेवलपमेंट स्टडीज में पीएचडी तथा डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में MA की डिग्री हासिल की है. उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से इकोनॉमिक्स में MA किया था. डॉ. मिश्रा ने 1970 में जी.एम. कॉलेज (संबलपुर विश्वविद्यालय) से फर्स्ड डिविजन के साथ BA Honours (Economics) की परीक्षा पास की थी. ओडिशा के सभी विश्वविद्यालयों में इकोनॉमिक्स में फर्स्ट डिविजन हासिल करने वाले वे एकमात्र छात्र थे.

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