Mughal Harem: जहां पहली बार मिले थे शाहजहां और मुमताज, वहां होता था ऐसा गंदा काम!
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Mughal Harem: जहां पहली बार मिले थे शाहजहां और मुमताज, वहां होता था ऐसा गंदा काम!

Mughal dark truth: मुगलों के हरम के अलावा उनके मीना बाजार की चर्चा भी इतिहास में जमकर हुई है. ऐसे में क्या है मीना बाजार का सच आइए इसकी पड़ताल करते हैं.

Mughal Harem: जहां पहली बार मिले थे शाहजहां और मुमताज, वहां होता था ऐसा गंदा काम!

Mughal Harem Mina Baazar Delhi 6: मुगलों ने लंबे समय तक भारत पर राज किया. मुगल बादशाह अपने हरम (Mughal Harem) और अपनी करतूतों के लिए बदनाम रहे हैं. मुगलों से जुड़े छोटे बड़े विवादित किस्सों के बारे में तो आपने सुना और पढ़ा होगा लेकिन आज बात मुगलों से जुड़े ऐसे बाजार की जिसकी सच्चाई से लोग अबतक अनजान है. हम बात कर रहे हैं 'मीना बाजार' की जिसके बारे में कहा जाता है कि आगरा के मीना बाजार को अकबर ने बनाया था लेकिन यह सच नहीं है.

मीना बाजार आगरा या दिल्ली

मीना बाजार के बारे में एक थ्योरी ये है कि मीना बाजार की शुरुआत हुमायूं के शासनकाल में हुई थी लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मीना बाजार को अकबर के राजकाज के दौरान मिली थी. कुछ लोग कहते हैं कि मीना बाजार दिल्ली में चांदनी चौक के करीब शुरू हुआ. जिसे आज दिल्ली-6 के नाम से जाना जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मीना बाजार आगरा के किले में बना हुआ था जो कि सेना के क्षेत्राधिकार में आता था. यहां आकर महिलाएं बाजार लगाया करती थी पर ये कोई आम महिलाएं नहीं होती थीं. मीना बाजार में मुगल शाही परिवार की महिलाएं, राजपूतों की रानियां जैसी बड़ी बड़ी हस्तियां आकर दुकान लगाती थीं.

खास लोगों को थी खरीददारी की इजाजत

कहा जाता है कि यहां बस मुगल घराने से ताल्लुक रखने वाले गिनेचुने लोगों को खरीददारी करने की इजाजत थी. मीना बाजार में बिकने वाली चीजों को सामान्य से कहीं ज्यादा कीमत पर खरीदा जाता था और ये भी कहा जाता है कि बाजार में बिकने वाली महंगी चीजों से आने वाले पैसों को गरीबों में बांट दिया जाता था.

शाहजहां और मुमताज पहली बार कहां मिले?

आगरा के किले में जो मीना बाजार बना था वो सेना के अधिकार क्षेत्र में स्थित दिल्ली गेट से मोती मस्जिद की तरफ जाने वाले मार्ग पर स्थित था. तीन कांप्लेक्स में बंटे बाजार में दोनों ओर कोठरियां बनी थीं. मुगल दरबारियों के परिवार की महिलाएं यहां बाजार लगाती थीं. शाही परिवार के सदस्य बाजार में खरीदारी करते थे. शहंशाह शाहजहां और मुमताज की पहली मुलाकात मीना बाजार में ही हुई थी. हाल ही में कई लोगों ने ये आरोप लगाया था कि हरम के बाद मीना बाजार मुगलों की अय्याशी का दूसरा अड्डा हुआ करता था. आइए इसकी पड़ताल करते हैं.

मीना बाजार का विवादित इतिहास

कुछ लोगों का कहना है कि मीना बाजार में भले ही महंगे सामान मिलते हों लेकिन असल में यहां रंगरलियां मनाने के लिए बड़े लोग औरतों की खरीद फरोख्त करते थे. कहते हैं कि यहां महिलाएं बिना पर्दे के अपना स्टॉल लगाती थीं वहां अकबर के जासूस सुंदर औरतों पर नजर रखते थे और उन्हें किसी न किसी बहाने से अकबर के हरम तक पहुंचा देते थे. कहा जाता है कि लोकलाज के भय और पति के प्राणों के मोह में ऐसी महिलाएं अपना मुंह बंद रखती थीं. 

क्या है मीना बाजार की हकीकत?

ऐसी बातें सोशल मीडिया पर भी अक्सर देखने को मिल जाती हैं. लेकिन जानकार बताते हैं कि ऐसी किसी बात और आरोप की पुष्टि असल में नहीं हुई है.

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