WBSSC scam: इन दिनों बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी काफी चर्चा में हैं. शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ईडी ने अर्पिता के ठिकानों से करोड़ों रुपये बरामद किए हैं. अर्पिता के ड्राइवर प्रणब भट्टाचार्य से Zee News ने बात की.
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WBSSC scam: पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ED ने छापा मारकर करोड़ों रुपये बरामद किए हैं. ईडी की कार्रवाई अभी भी जारी है. माना जा रहा है कि अभी और पैसा निकल सकता है. ये पूरा मामला शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा हुआ है. इस बीच अर्पिता मुखर्जी के ड्राइवर प्रणब भट्टाचार्य से Zee News ने बात की. प्रणब 22 जुलाई को अर्पिता मुखर्जी के डायमंड सिटी साउथ फ्लैट में ईडी की छापेमारी के दौरान मौजूद थे.
पार्थ चटर्जी ने लगवाई थी नौकरी
ड्राइवर प्रणब भट्टाचार्य ने बताया, ' मैंने अर्पिता चटर्जी के यहां इसी साल जनवरी में नौकरी ज्वाइन की थी. मुझे उनके साथ काम करते हुए लगभग सात महीने हो चुके हैं. पार्थ चटर्जी से मिलने और उनसे मुझे नौकरी देने का अनुरोध करने के बाद मुझे यह नौकरी मिली. मुझे अपना फोन नंबर उनके ऑफिस में छोड़ने के लिए कहा गया था और कहा गया था कि जब मौका मिलेगा तो वो मुझसे संपर्क करेंगे. कुछ समय बाद, मुझे उनके ऑफिस से फोन आया कि एक नौकरी है जहाम मुझे अर्पिता मुखर्जी की कार चलानी है.'
अर्पिता के घर में थीं तीन कारें
प्रणब भट्टाचार्य ने कहा, 'डायमंड सिटी साउथ फ्लैट में मैंने कुल तीन कारें देखीं. इसमें होंडा सिटी, मर्सिडीज बेंज, मिनी कूपर शामिल थीं, लेकिन मुझे केवल होंडा सिटी कार चलाने की इजाजत थी. दो अन्य कारों को चलाने की अनुमति नहीं दी गई. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में मैंने मर्क बेंज और मिनी कूपर को नहीं देखा. मैं नहीं जानता कि वो कहां हैं.'
'पर्सनल कामों के लिए नहीं ले जाती थीं साथ'
ड्राइवर ने कहा, 'मैं उन्हें गाड़ी में तभी ले जाता था, जब उन्हें पार्लर या ऑफिस जाना होता था. वो अपने पर्सनल कामों में मुझे साथ नहीं ले जाती थीं. अर्पिता डायमंड सिटी साउथ फ्लैट में रहती थी और पार्थ चटर्जी उससे अक्सर मिलते थे. कभी-कभी काम खत्म करने के बाद, अर्पिता पार्थ चटर्जी से मिलने बेहाला जाती थी. इस दौरान मुझसे कहा जाता था कि मैं उसे पार्थ चटर्जी के घर छोड़ दूं और कार पार्क करने के लिए उसके अपार्टमेंट में वापस चला जाऊं.'
हाल ही में शांतिनिकेतन गई थी अर्पिता
प्रणब ने आगे बताया कि हाल ही में अर्पिता अपनी मां, बहन और देवर के साथ शांतिनिकेतन गई थीं. मैं उन्हें घर ले गया जो शांतिनिकेतन में था. हम वहां दो दिन रुके. कल्याण धर बहनोई ज्यादातर उसका काम देखते थे, वो अक्सर उससे मिलने आता था.' ड्राइवर ने बताया कि 'मैं पैसे के लेन-देन के बारे में ज्यादा नहीं जानता, मैंने कभी भी उस कार में कुछ भी नहीं देखा जो मैंने चलाई था. इसके अलावा, मैं कार में ही अर्पिता का इंतजार करता था, मैं उसके फ्लैट में ज्यादा नहीं जाता था, इसलिए नहीं जानता कि वहां वास्तव में क्या होगा.'
छापेमारी के दौरान मौजूद था ड्राइवर
ईडी की छापेमारी के बारे में बताते हुए प्रणब मे कहा, ' मैं 22 जुलाई को ईडी की छापेमारी में मौजूद था. उन्होंने मेरा फोन छीन लिया और मुझे बालकनी में रुकने के लिए कहा. उन्होंने मुझसे अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने के बारे में पूछा, उन्होंने क्या किया और किससे मिलीं. मुझे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया और कहा गया कि मुझे मेरा फोन वापस कर दिया जाएगा.
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