Vikram Lander on Moon Surface: विक्रम लैंडर अपनी मूल जगह से करीब 40 सेमी ऊपर उठकर 30 से 40 सेमी दूर सफलतापूर्वक लैंड किया है.
Trending Photos
Vikram Lander on Moon Surface: विक्रम लैंडर ने एक बार फिर चांद की सतह पर लैंडिंग की है. इसरो के आदेश पर विक्रम लैंडर का इंजन चालू हुआ और उसने खुद सतह से करीब 40 सेमी ऊपर उठाया और शिवशक्ति प्वाइंट से करीब 30 से 40 सेमी दूर सुरक्षित लैंड किया. यह लैंडिंग इसलिए भी खास है क्योंकि इससे भविष्य में सैंपल की वापसी या ह्यूमन मिशन को उत्साहित करेगा.
4 सितंबर को दोबारा लैंडिंग
इसरो के मुताबिक लैंडर पर जितने भी सिस्टम को लगाया गया है वो सभी बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं. 23 अगस्त की लैंडिंग के बाद 2 सितंबर को विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीपिंग मोड में डाला गया था. इसरो का कहना है कि उम्मीद है कि 22 सितंबर के बाद भी विक्रम और प्रज्ञान सफलतापूर्व अपने काम को अंजाम देंगे. इससे पहले प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह का अध्ययन कर जो जानकारी भेजी है उसे बेहद अहम बताया जा रहा है.
Chandrayaan-3 Mission:
Vikram soft-landed on, again!Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.
On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI
— ISRO (@isro) September 4, 2023
23 अगस्त को हुई थी पहली लैंडिंग
23 अगस्त के बाद से प्रज्ञान रोवर करीब 100 मीटर की दूरी चांद पर तय कर चुका है और जो जानकारियां भेजी है उसे आगे के मिशन के साथ साथ चांद को समझने में मदद मिलेगी. ऑक्सीजन,सिलिकॉन, टाइटेनियम, फेरोनियम की उपलब्धता बड़ी उम्मीद को जन्म दे रही है. आने वाले समय में आर्थिक संसाधनों की जरूरतों को चांद पूरा कर सकता है. जानकारों का कहना है कि इसरो का चंद्रयान मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कम से कम बजट में बड़ी सफलता कैसे हासिल की जा सकती है.