उत्तराखंड के नए सीएम का ऐलान, इस नेता के नाम की भी हो रही थी चर्चा
Advertisement

उत्तराखंड के नए सीएम का ऐलान, इस नेता के नाम की भी हो रही थी चर्चा

Uttarakhand New CM Announced: उत्तराखंड में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर भी मुहर लग गई है. पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है.

उत्तराखंड के नए सीएम का ऐलान, इस नेता के नाम की भी हो रही थी चर्चा

नई दिल्लीः उत्तराखंड का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बनाया जाएगा, उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. सीएम पद के लिए पुष्कर सिंह धामी के नाम की घोषणा से पहले एक और नेता के नाम की खूब चर्चा हो रही थी. आइये आपको बताते हैं वो कौन सा नेता है जिसे लेकर उत्तराखंड का नया सीएम बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था?

  1. उत्तराखंड के नए सीएम का ऐलान
  2. पुष्कर सिंह धामी होंगे नए सीएम
  3. चुना गया विधायक दल का नेता

इस नेता का नाम छाया था सुर्खियों में

हम बात कर रहे हैं भाजपा के दिग्गज नेता अनिल बलूनी की. बलूनी की गिनती भाजपा के पुराने और मोदी-शाह के करीबी नेताओं में होती है. हमेशा शांत और नपा-तुला बोलने वाले अनिल बलूनी को उत्तराखंड की जनता भी बेहद प्यार करती है. बलूनी की गिनती उत्तराखंड के लोकप्रिय नेताओं में होती है.  

होश संभालते ही सियासी गुर सीखने लगे

अनिल बलूनी का जन्म 2 सिंतबर 1972 उत्तराखंड के नकोट गांव (जिला पौड़ी) पट्टी कंडवालस्यूं में हुआ है. होश संभालने के बाद से ही बलूनी सियासत के गुर सीखने लगे थे. भाजपा युवा मोर्चा का प्रदेश महामंत्री बनने के बाद निशंक सरकार में उन्हें वन्यजीव बोर्ड के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली.

fallback

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने

इसके बाद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. फिर बलूनी को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी गई और उन्हें राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बनाया गया. 26 साल की उम्र में सक्रिय चुनावी राजनीति में उतरने के बाद बलूनी ने उत्तराखंड बनने के बाद 2002 में हुए राज्य के पहले विधान सभा चुनाव में कोटद्वार सीट से पर्चा भरा था. किन्ही कारणों से उनका नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया. जिसके खिलाफ अनिल बलूनी कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार से उपचुनाव लड़े. इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था. कभी पत्रकार रहे अनिल बलूनी अब मोदी-शाह के करीबी नेताओं में से एक हैं.

RSS के साथ रहे अनिल बलूनी

पत्रकारिता की पढ़ाई करते समय वह छात्र राजनीति में भी लगे रहते थे. इस दौरान वे दिल्ली में संघ परिवार के दफ्तरों में जाते रहते थे. संघ के दिग्गज नेता सुंदर सिंह भंडारी की बलूनी पर नजर पड़ी और यहीं से बलूनी का सियासी करियर और बेहतर दिशा में जाने लगा. सुंदर सिंह भंडारी ने बिहार का राज्यपाल रहते हुए बलूनी को अपना ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बनाया था. इसके बाद भंडारी को गुजरात का राज्यपाल बनाया गया. इस बार भी भंडारी के ओएसडी बलूनी ही थे. खास बात यह कि जब भंडारी गुजरात के राज्यपाल बने तो वहां के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे.

ऐसे आए पीएम मोदी के करीब

यहां से अनिल बलूनी का रिश्ता नरेंद्र मोदी के साथ गहरा होता चला गया. जिसके बाद बलूनी कुछ सालों में ही मोदी की गुडलिस्ट में शामिल हो गए थे. जब अमित शाह को 2014 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.., तभी अनिल बलूनी पार्टी प्रवक्ता और मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख बने. यह वक्त था जब अनिल बलूनी अमित शाह के भी भरोसेमंद लोगों में शामिल हो गए.

बलूनी के लिए खाली कराया गया प्रियंका का बंगला

प्रियंका गांधी को लेकर भी अनिल बलूनी चर्चा में आ चुके हैं. ये 2020 की बात है जब उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को 6-बी हाउस नंबर- 35 लोधी एस्टेट आवंटित किया गया था. इस बंगले में अनिल बलूनी से पहले प्रियंका गांधी अपने परिवार के साथ 20 सालों से रह रही थीं. जुलाई 2020 में प्रियंका गांधी को मोदी सरकार की तरफ से बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया था.

LIVE TV

Trending news