चुनाव में बिगाड़ न दें खेल, नाराज नेताओं को मनाने में जुटे सियासी दल
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चुनाव में बिगाड़ न दें खेल, नाराज नेताओं को मनाने में जुटे सियासी दल

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने वाली है. उससे पहले ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए परेशानी बढ़ी हुई है. दोनों को अपने नेताओं की बगावत की आशंका से चिंता है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के लिए कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) अपने  प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी करने की तैयारी कर रही हैं. हालांकि इसके साथ ही दोनों दलों को अपने असंतुष्ट नेताओं की बगावत की चिंता भी सता रही है.

  1. अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश
  2. दांव पर लगी बीजेपी की प्रतिष्ठा
  3. कांग्रेस के लिए खोने को कुछ नहीं

अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश

दोनों पार्टियां अपने कुनबे को एकजुट रखने की रणनीति पर काम कर रही हैं. इसके लिए टिकट की दौड़ में छूट गए नेताओं को पार्टी अहम जिम्मेदारी और सरकार बनने की स्थिति में विभिन्न आयोगों और समितियों में समयोजित करने का वादा कर रही हैं.

दोनों पार्टियों को कुछ महीने पहले ही उस समय बगावत का अनुभव हो गया था, जब राज्य में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए बीजेपी छोड़ दी थी. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) विधायक राजकुमार बीजेपी में वापस आ गए. निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार और राम सिंह कैरा भी बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए.

दांव पर लगी बीजेपी की प्रतिष्ठा

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की पहली सूची (Uttarakhand Assembly Election 2022) जारी होगी, तब टिकट न मिल पाने वाले नेताओं के दल बदलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी की स्थिति अधिक दांव पर होगी, जिसने वर्ष 2017 के चुनाव में 70 विधानसभा सीटों में से 57 पर जीत दर्ज की थी.

सूत्रों ने कहा कि दोनों पार्टी लगातार अपने विधायकों के प्रदर्शन का आकलन कर रही है. पार्टियों ने तय किया है कि आंतरिक सर्वे में जिन विधायकों का प्रदर्शन ठीक नहीं पाया जाएगा, उन्हें दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा.

कांग्रेस के लिए खोने को कुछ नहीं

माना जा रहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस के लिए खोने को अधिक नहीं है क्योंकि मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट मिलना लगभग तय है. हालांकि, संभावना है कि पूर्व विधायक और संभावित प्रत्याशी, जो टिकट की आशा में पार्टी में शामिल हुए, वे टिकट नहीं मिलने पर चौंकाने वाला कदम उठा सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस (Congress) कमेटी ने सभी 70 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली है. वहीं बीजेपी की 27 उम्मीदवारों की पहली सूची भी लगभग तैयार है. कांग्रेस के प्रदेश प्रचार प्रमुख हरीश रावत ने स्पष्ट कर दिया है कि पीसीसी ने सभी 70 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है.

जल्द होगी बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक

दूसरी ओर बीजेपी (BJP) के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सूची को अंतिम रूप दे रहे हैं. जिसे पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के समक्ष अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा. बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि संभव है कि पार्टी उम्मीदवारों की दो अलग-अलग सूची जारी करे, पहली सूची 21 जनवरी को नामांकन (Uttarakhand Assembly Election 2022) शुरू होने से पहले और दूसरी 25 जनवरी तक. 

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पार्टी के अंदर की जानकारी रखने वालों ने बताया कि दोनों पार्टियों में कई सीटों पर दो से अधिक दावेदार हैं. उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए उधमसिंह नगर जिले में सात सीटें हैं, जहां पर दोनों पार्टियों में प्रत्येक सीट पर कम से कम दो-दो दावेदार हैं, इसके बाद हरिद्वार और देहरादून जिले हैं जहां पर छह-छह सीटें हैं.

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