देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की तैयारी हो रही है, लेकिन क्योंकि इस बार जन्माष्टमी दो दिन यानी कि 18 और 19 अगस्त को पड़ रही है इसलिए लोगों में असमंजस है कि आखिर जन्माष्टमी किस दिन मनाई जाए. इसके अलावा लोगों के मन में जन्माष्टमी को लेकर और भी कई सवाल हैं. इस वीडियो में आपको बताते हैं इस तरह के 5 अहम सवालों के जवाब जिन्हें इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजा जा रहा है.पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 में भगवान श्री कृष्ण का 5249वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है. क्योंकि इस बार भाद्रपद की अष्टमी तिथि दो दिन पड़ रही है इसलिए जन्माष्टमी का पर्व 18 और 19 अगस्त दोनों दिन मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. रात 12 बजे भगवान के जन्म के बाद उनका दूध, दही, घी पंचामृत से अभिषेक करें. उनका सुंदर श्रृंगार करें. उन्हें माखन मिश्री, पंजीरी का भोग लगाएं. साथ ही पीला वस्त्र, तुलसी दल, फूल, फल आदि अर्पित करें. धूप-दीप दिखाएं. भगवान को पालने में झुलाएं. उनकी नजर जरूर उतारें साथ ही सपरिवार मिलकर 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की' गाएं. आखिर में कान्हा का जिस पंचामृत से अभिषेक किया है उसका प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें. Disclaimer: यह जानकारी इंटरनेट पर विभिन्न स्रोतों से खोजी गई है. ज़ी मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है.