उत्तराखंड के युवाओं को धामी सरकार का तोहफा, दोबारा हो रही भर्ती परीक्षाओं में युवाओं को आयु सीमा और शुल्क में राहत
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उत्तराखंड के युवाओं को धामी सरकार का तोहफा, दोबारा हो रही भर्ती परीक्षाओं में युवाओं को आयु सीमा और शुल्क में राहत

Uttarakhand News:  प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने बड़ी राहत दी है....धामी सरकार द्वारा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में दोबारा हो रही भर्ती परीक्षाओं में शुल्क में राहत दी गई है.

उत्तराखंड के युवाओं को धामी सरकार का तोहफा, दोबारा हो रही भर्ती परीक्षाओं में युवाओं को आयु सीमा और शुल्क में राहत

देहरादून: प्रउत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग के दायरे में सम्मिलित की गईं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की समूह-ग की भर्ती परीक्षाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार (Dhami Govt) द्वारा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में दोबारा हो रही भर्ती परीक्षाओं में शुल्क (Fees) में राहत दी गई है. परीक्षाओं में युवाओं को उम्र सीमा में भी राहत दी गई है. यानी कि UKSSSS में पूर्व में किये आवेदनों में दोबारा Apply करने पर शुल्क नहीं लिया जाएगा. 

UKSSSC से हटाकर लोक सेवा आयोग को भर्तियों की जिम्मेदारी
नई कट ऑफ डेट अब UKSSSC की बजाय लोक सेवा आयोग करवा (public service Commission) रहा है. भर्तियां पेपर लीक मामले के बाद UKSSSC से हटाकर लोक सेवा आयोग को भर्तियों की जिम्मेदारी दी गई है.  

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने इस संबंध में राज्य लोक सेवा आयोग और यूकेएसएसएससी को अलग-अलग आदेश जारी किए.  UKSSSC  की भर्ती परीक्षाओं में घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने संस्था के माध्यम से 770 पदों के लिए कराई गईं पांच परीक्षाएं रद कर दी थी.

 

गणेश सिंह मार्तोलिया उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष 
आईपीएस गणेश सिंह मार्तोलिया (Ganesh Singh Martolia) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष किए गए. गौरतलब है कि गणेश मार्तोलिया बेहद ईमानदार छवि और कड़क मिजाज के अधिकारियों में गिने जाने जाते हैं. एस राजू के इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष का पद खाली हो गया था.

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भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा
दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी पूर्व आइपीएस जीएस मर्तोलिया ने ऐसे समय में संभाली है जब चौतरफा आयोग की किरकिरी हो रही ह.। क्योंकि आयोग की तमाम भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की बात सामने आ चुकी है. स्नातक स्तरीय परीक्षा की धांधली में वर्तमान में करीब 41 आरोपित जेल में हैं, जिसमें कंपनी के मालिक समेत कई माफिया शामिल हैं.

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