उत्तराखंड में गरमाया मूल निवास और भू कानून का मुद्दा, यूकेडी ने तैयार किया ये प्लान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2034499

उत्तराखंड में गरमाया मूल निवास और भू कानून का मुद्दा, यूकेडी ने तैयार किया ये प्लान

Uttarakhand Mool Niwas issue : इस बार  लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की राजनीति में स्थानीय रोजगार, मूल निवास प्रमाण पत्र और जमीन से जुड़े कानून का मुद्दा खूब सियासी रंग लाएगा. इस मुद्दे पर उत्तराखंड क्रांति दल 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में ब्लॉक और जिला मुख्यालय स्तर धरना प्रदर्शन करने जा रहा है.

उत्तराखंड में गरमाया मूल निवास और भू कानून का मुद्दा, यूकेडी ने तैयार किया ये प्लान

गणेश रायल/ऋषिकेश : उत्तराखंड में स्थानीय रोजगार समेत मूल निवास और भू कानून का मुद्दा उत्तराखंड में सियासी रंग लेता जा रहा है. इस मुद्दे पर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) अब एक बार फिर से मुखर हो गई है. ऋषिकेश में यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि ''अनुच्छेद 271 के तहत हिमाचल की तर्ज पर भू कानून लागू हो साथ ही मूल निवास के लिए 1950 के आधार पर कट ऑफ डेट हो. यूकेडी ने हमेशा इन 23 सालों इन मुद्दों की लड़ाई लड़ी है.''

त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि ''भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा इस मुद्दे पर प्रदेश की जनता की उपेक्षा की है, जिससे आज जनता 1994 के आंदोलन की तर्ज पर अब फिर से राज्य के अस्तित्व की लड़ाई के लिए मुखर हो गई है. वहीं इस मुद्दे को लेकर यूकेडी 1 जनवरी से पूरे प्रदेश में ब्लॉक और जिला मुख्यालय स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.''

कांग्रेस ने भी की मांग
वहीं कांग्रेस भी सशक्त भू-कानून बनाए जाने का समर्थन करती नजर आ रही है. बागेश्वर में महिला जिलाध्यक्ष कांग्रेस गोपा धपोला ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन कर आत्मघाती निर्णय लिया. इससे उत्तराखंड की भूमि बाहरी लोगों के लिए खरीद-फरोख्त के लिए खोल दी. राज्य में सशक्त भू-कानून लागू करने के साथ ही यहां पर लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 प्रतिशत रोजगार देने की मांग करते हुए एसडीएम मोनिका आर्या के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा है.  

यह भी पढ़ें: पेट्रोल के दाम 10 रुपये तक घटाने की तैयारी, जानें कब से लौटेंगे बाइक-कार वालों के अच्छे दिन

कुछ दिन पहले उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली को देहरादून में मिले अपार समर्थन के बाद यह मुद्दा और गरमाता जा रहा है. अब बागेश्वर में उत्तरायणी कौथिग के दिन 15 जनवरी को राज्यभर से हजारों लोग जुटेंगे. कचहरी स्थित शहीद स्मारक में हुई मूल निवास और भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में हल्द्वानी में भी मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जाएगी. मूल निवास और भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने अपने अगले कार्यक्रमों की घोषणा की. 

Trending news