UP DGP केस में योगी सरकार का UPSC को जवाब, 'केवल सीनियरिटी नहीं होता चयन का आधार'
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1367092

UP DGP केस में योगी सरकार का UPSC को जवाब, 'केवल सीनियरिटी नहीं होता चयन का आधार'

UPSC ने नए UP DGP के चयन के लिए योगी सरकार से उन अधिकारियों का स्व प्रमाणित बायोडाटा मांगा है, जो एडीजी रैंक या उससे ऊपर हैं और 30 साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके हैं. पढ़ें खबर-

UP DGP केस में योगी सरकार का UPSC को जवाब, 'केवल सीनियरिटी नहीं होता चयन का आधार'

CM Yogi Adityanath Answer to UPSC on DGP Matter: उत्तर प्रदेश में डीजीपी को लेकर चयन के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को करारा जवाब दिया है. यूपीएससी ने शासन ने प्रदेश के डीजीपी के सेलेक्शन प्रोसेस को लेकर सवाल किए थे. इसपर राज्य सरकार ने जवाब दिया है कि चयन के लिए केवल सीनियॉरिटी ही आधार नहीं होता, बल्कि अधिकारी की कार्यशैली और कार्यक्षमता भी देखनी पड़ती है. 

यह भी पढ़ें: Kanpur Suicide: 10 साल की दिव्यांशी ने ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, बड़ी बहन से हुआ था छोटा सा झगड़ा

मुकुल गोयल को भ्रष्टाचार के चलते डीजीपी पद से हटाया गया
गौरतलब है कि पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल पर 2006-07 के भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप था. मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान, जब वह कानून और व्यवस्था एडीजी थे, तब उन्हें उस पद से हटाया गया था. इसके बाद सहारनपुर दंगे में भी उन्हें सस्पेंड किया गया था. इसके अलावा, डीजीपी के पद पर तैनात रहते हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर भी उन्हें इस पद से हटाया गया. इसके बाद डीजीपी का पद भरने के लिए प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को यूपीएससी ने लौटाया था.

यूपीएससी ने सरकार से पूछा यह सवाल
आयोग का सरकार से सवाल था कि ने मुकुल गोयल को डीजीपी के पद पर कम से कम दो साल की अवधि पूरा करने से पहले हटाया गया. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन हुआ या नहीं? आयोग ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत किसी भी राज्य में डीजीपी का कार्यकाल कम से कम दो साल का होना चाहिए. रिटायर होने की स्थिति में भी 2 साल पूरे करने ही होते हैं.

यह भी पढ़ें: माफिया-अपराधियों पर कहर बनकर टूटी योगी सरकार, 6 महीने में 22 सौ करोड़ की संपत्ति जब्त, मुख्तार सहित 36 को हुई सजा

क्या बनता है सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला?
डीजीपी के पद से हटाए जाने के लिए कुछ नियम होते हैं. अधिकारी को अखिल भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन, आपराधिक मामले में सजा, भ्रष्टाचार का मामला साबित होने और कर्तव्यों के निर्वहन में अक्षम होने पर ही हटाया जा सकता है. अगर कोई भी केस मुकुल गोयल के खिलाफ है, तो इसके डॉक्यूमेंट होने जरूरी हैं. अगर दस्तावेज नहीं हैं, तो उन्हें पद से हटाना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना नहीं कहा जाएगा?

नए डीजीपी के चयन के लिए बायोडाटा मांगे गए
इतना ही नहीं, यूपीएससी ने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए सरकार से उन अधिकारियों का स्व प्रमाणित बायोडाटा मांगा है, जो 30 साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके हों और एडीजी रैंक या उससे ऊपर हों.

यह भी पढ़ें: कानपुर: अगर घर में पाले ये दो किस्म के कुत्ते तो जुर्माना होगा 5 हजार, डॉग्स भी होंगे जब्त!

सपना चौधरी के गाने 'तेरी अंखियों का यो काजल' पर लाल साड़ी में लड़की ने किया धांसू डांस

Trending news