Sambhal Violence Case: संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के लिए दंगाई पूरी तरह से तैयार होकर आए थे. पुलिस ने दंगाइयों को रोकने के लिए टीयर गैस गन का भी इस्तेमाल किया लेकिन उन पर इसका भी असर नहीं हुआ. इसकी क्या वजह थी ? इस पर IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने बड़ी बात बताई है.
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Kanpur/Praveen Pandey: संभल में हुई हिंसा के दौरान पुलिस द्वारा इस्तेमाल की गई टीयर गैस से बचने के लिए पत्थरबाजों ने अपने आंखों के पास सूरमा या किसी क्रीम का इस्तेमाल किया था. दंगाइयों ने ऐसा इसलिए किया था ताकि टीयर गैस का असर कम किया जा सके. इस मामले पर IIT कानपुर के एक्सपर्ट प्रोफेसर आर. गुरुनाथ ने अपनी राय दी है.
IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने क्या बताया
प्रोफेसर गुरुनाथ के मुताबिक, उनके ज्ञान के अनुसार ऐसा कोई रासायनिक पदार्थ नहीं है जो टीयर गैस के प्रभाव को कम कर सके. उन्होंने कहा, "टीयर गैस के प्रभाव को कम करने के तीन मुख्य कारण हो सकते हैं—पहला, उस गैस की सांद्रता, जो गोले के फटने से निकली थी; दूसरा, लोग कितनी दूर थे; और तीसरा, उस गोले का 'सेल्फ लाइफ', यानी वह गोला कितने दिन पुराना था या उसकी मैन्युफैक्चरिंग में कोई खामी थी."
गुरुनाथ ने आगे कहा, "अब तक कोई ऐसा कैमिकल नहीं आया है जो टीयर गैस की क्षमता को कम कर सके. हालांकि, गीले रंग के गमछे से चेहरा और मुंह ढकने से गैस के प्रभाव को कुछ हद तक सहने की क्षमता बढ़ सकती है."
टीयर गैस में क्या होता है
IIT कानपुर के प्रोफेसर गुरुनाथ ने बताया कि टीयर गैस कोई साधारण गैस नहीं होती, बल्कि यह एक एरोसोल है, जिसमें ठोस, तरल और गैस तीनों प्रकार के तत्व होते हैं. इन तत्वों को पाउडर के रूप में तैयार करके स्प्रे किया जाता है, जिससे इसका प्रभाव आंखों पर अधिक होता है.
इस प्रकार, IIT कानपुर के एक्सपर्ट ने स्पष्ट किया कि टीयर गैस से बचने के लिए सूरमा या क्रीम का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, और इसकी प्रभावशीलता के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं.
बता दें कि संभल में कोर्ट कमिश्नर की टीम रविवार को जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची. स्थानीय लोगों सर्वे का विरोध करते हुए कोर्ट कमिश्नर की टीम के साथ धक्कामुक्की की. कुछ ही देर में वहां हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई और पुलिस पर पथराव कर दिया. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे.
संभल कोर्ट में वकील हरिशंकर जैन समेत कुल आठ याचिका कर्ताओं ने याचिका दायर की है कि संभल के बीचो-बीच भगवान कल्कि को समर्पित श्री हरि हर मंदिर है जो सदियों पुराना है. इस मंदिर को जामा मस्जिद बना दिया गया और जामा मस्जिद समिति इसका इस्तेमाल जबरन और गैरकानूनी तरीके से कर रही है. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सर्वे के निर्देस दिया था.
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