महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि 'उदयपुर में हिंदू दर्जी की हत्या हुई है. कन्हैया लाल प्रशासन और पुलिस से पिछले कई दिनों से गुहार लगा रहा था कि उसकी हत्या की जा सकती है.
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पीयूष गौड़/गाजियाबाद: राजस्थान के उदयपुर में हुए हत्याकांड (Udaipur Murder Case) पर हिंदू धर्म गुरुओं ने नाराजगी जताई है. डासना मंदिर के महंत और जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yeti Narasimhanand Saraswati) ने नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 'नूपुर शर्मा ने ऐसा क्या कह दिया या ऐसी क्या गलत वयानी कर दी जिसका समर्थन करने पर जहरीले नाग हिंदुओं को डंस रहे हैं. ऐसा मोहम्मद में क्या है? जो तुम तो छुपाना चाह रहे हो ऐसी क्या सच्चाई है जो तुम नहीं चाह रहे हो दुनिया के सामने आए, दुनिया में कोई ऐसा भगवान नहीं है जो ऐसे राक्षसों को सही ठहराए'.
क्या बोले यति नरसिंहानंद सरस्वती?
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि 'उदयपुर में हिंदू दर्जी की हत्या हुई है. कन्हैया लाल प्रशासन और पुलिस से पिछले कई दिनों से गुहार लगा रहा था कि उसकी हत्या की जा सकती है. उसका पड़ोसी उसको मार सकता है या मरवा सकता है. उसको सुरक्षा दी जाए बचाया जाए. हिंदुओं के साथ जो कुछ देशभर में हो रहा है मुस्लिम लोग हिन्दुओं को कह कर मार रहे हैं'.
बीएस तोमर की हत्या का किया जिक्र
उन्होंने कुछ साल पूर्व गाजियाबाद के मसूरी इलाके में हुई बीजेपी के नेता बीएस तोमर की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि 'कन्हैया लाल के साथ भी वही हुआ जो बीएस तोमर के साथ हुआ था, वो भी पुलिस से गुहार लगाते रहे थे, लेकिन उनकी सुरक्षा पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया और उनकी हत्या हो गई'. इसके साथ-साथ उन्होंने पूरे मामले में विवादित बोल बोलते हुए हिंदुओं के कम बच्चा पैदा करने पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 'मुस्लिमों को अधिक बच्चे पैदा करने से कोई फर्क नहीं पड़ता एक या दो मर जाए और एक या दो जेल चले जाएं तो उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है'.
मृतक के परिवार की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने की अपील
वहीं, धर्मगुरू और ज्योतिषाचार्य पवन सिन्हा ने इस पूरे मामले में मृतक के परिवार की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा कि मेरे से जो भी संभव हो सकेगा, मैं उस परिवार के लिए करूंगा. उदयपुर में जो कुछ हुआ उसकी सभी को मिलकर न भर्त्सना करनी चाहिए. सभी धर्म गुरुओं को आगे आकर ऐसे करने वाले लोगों की भर्त्सना करनी चाहिए. यह किसी धर्म विशेष का नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए चिंता की बात है. यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले अमरावती के एक डॉक्टर उमेश के भी इस तरह की से हत्या की गई. यह दरअसल एक आतंकवादी साजिश है जो कि तालिबानी सोच और आईएसआईएस से प्रेरित है या दिशा निर्देशित है. हमें सभी युवाओं को सही दिशा और प्रेरणा देने की जरूरत है ना कि उन्हें भड़काने की. ऐसे समय में उनके परिवार को समर्थन देकर यह जताने की जरूरत है कि हम सब उनके साथ खड़े हैं.
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