इंद्र योग में रखा जाएगा वैशाख Masik Shivratri व्रत? इस शुभ-मुहूर्त में होगी शिव पूजा, जानें भोले को खुश करने का अचूक मंत्र
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इंद्र योग में रखा जाएगा वैशाख Masik Shivratri व्रत? इस शुभ-मुहूर्त में होगी शिव पूजा, जानें भोले को खुश करने का अचूक मंत्र

Masik Shivratri 2023: वैसे तो एकादशी हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा विधिवत होती है... भक्तों को शिवरात्रि का व्रत करके शुभ फल मिलता है.  

प्रतीकात्मक फोटो (Masik Shivratri)

Masik Shivratri 2023: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. इस साल मासिक शिवरात्रि  18 अप्रैल, मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है और व्रत का संकल्प लिया जाता है.शिवरात्रि का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों ही रखते हैं. लड़कियां भी अच्छा वर पाने के लिए शिवरात्रि का व्रत रखती हैं.भक्तों को शिवरात्रि का व्रत करके शुभ फल मिलता है. 

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मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2023) पर शिव जी की मनोभाव से पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वैशाख मासिक की शिवरात्रि में इंद्रयोग भी बन रहा है. इसी योग में भगवान शंकर की पूजा होगी तो चलिए आपको इससे जुड़ी सारी बातें विस्तार में बताते हैं.

कब है मासिक शिवरात्रि
18 अप्रैल-दिन मंगलवार

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मासिक शिवरात्रि पर शुभ योग और मुहूर्त ( दृक पंचांग के अनुसार)
पंचांग के अनुसार शिवरात्रि तिथि का प्रारंभ 18 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 27 मिनट से हो रहा है. समाप्ति अगले दिन 11 बजकर 23 मिनट पर होगी.
इन्द्र योग- शाम 6.10 पीएम तक इंद्र योग बन रहा है
अभिजित मुहूर्त- 18 अप्रैल को 11.54 AM से 12.45 PM
अमृतकाल- 8.30 PM से 10.01 PM तक रहेगा

ऐसे करें मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा
मासिक शिवरात्रि की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहन लें और मन में भोले बाबा औऱ मां पार्वती का ध्यान करें. इसके बाद शिव मंदिर जाएं. मंदिर में भोलेनाथ (Lord Shiva) को दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. उनकी पूजा में बेलपत्र, शहद, पुष्प, धतूरा और फल आदि अर्पित करें. गाय के घी से दीपक जलाएं और शिव जी को चावल की खीर का भोग लगाएं. शाम के समय भी भगवान शिव की पूजा करें. शाम के समय जल, चावल, धूप, पुष्प व मिठाई आदि का इस्तेमाल होता है. भगवान भोले पर पीले कनेर के फूल और माला चढ़ाएं. पुराणों में कहा गया है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन 108 बार भोलेनाथ के मंत्र ऊँ नमः शिवाय का उच्चारण करना शुभ माना गया है.  मासिक शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक भी कराया जा सकता है. ऐसा करने से रोग दोष से मुक्ति मिलती है. 

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