उत्तराखंड के कुछ जिलों में मांस-मदिरा की दुकानों का विरोध बढ़ता जा रहा है और इस पर पाबंदी की मांग जोर पकड़ती जा रही है.उत्तरकाशी जिला कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को धार्मिक संगठनों और साधु समाज के लोगों ने जनपद मुख्यालय धार्मिक नगरी में मांस और मदिरा पर पूर्णत प्रतिबंध
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उत्तर काशी /हेमकान्त नौटियाल : उत्तराखंड के कुछ जिलों में मांस-मदिरा की दुकानों का विरोध बढ़ता जा रहा है और इस पर पाबंदी की मांग जोर पकड़ती जा रही है.उत्तरकाशी जिला कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को धार्मिक संगठनों और साधु समाज के लोगों ने जनपद मुख्यालय धार्मिक नगरी में मांस और मदिरा पर पूर्णत प्रतिबंध लगाने को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. संगठनों ने एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा है.धार्मिक संगठनों का कहना है कि उत्तरकाशी एक धार्मिक नगरी है.यहां पर मां गंगा और यमुना का उदगम स्थल है.दुर्भाग्य है कि यहां बड़ी मात्रा में मांस और मदिरा का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है. जबकि हाईकोर्ट ने भी एक आदेश जारी किया है.
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Uttarkashi में विरोध प्रदर्शन
इसमें कहा गया है कि मांस की दुकानें भागीरथी नदी तट से 100 मीटर की दूरी के बाहर हों.उत्तरकाशी नगर में मांस और मदिरा पर पूर्णतया प्रतिबंध और उत्तरकाशी नगरी को धार्मिक नगरी घोषित हो. इसके लिए ज्ञापन राज्य सरकार को भेजा.उत्तराखंड के कई जिलों में ऐसी मांग उठ चुकी है, कई संगठनों की मांग तो है कि पूरी देवभूमि उत्तराखंड में ही मांस-मदिरा पर प्रतिबंध लगाया जाए. उत्तराखंड सरकार को भी इस बाबत कई बार धार्मिक संगठन ज्ञापन भेज चुके हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात कर चुके हैं.
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