क्या सपा का साथ छोड़ेगा पूर्वांचल का ये दिग्गज नेता? सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगाया ये आरोप
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क्या सपा का साथ छोड़ेगा पूर्वांचल का ये दिग्गज नेता? सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगाया ये आरोप

सपा से नाराज़ और नए राजनैतिक भविष्य को लेकर मंथन कर करने वाले नेताओं में मुलायम सिंह यादव एक और सबसे करीबी शख्स का नाम जुड़ गया है. जिसमें सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने भी अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है.

क्या सपा का साथ छोड़ेगा पूर्वांचल का ये दिग्गज नेता? सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर लगाया ये आरोप

मो. गुफरान/प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के नेताओं का पार्टी से रूठने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सपा से नाराज़ और नए राजनैतिक भविष्य को लेकर मंथन कर करने वाले नेताओं में मुलायम सिंह यादव एक और सबसे करीबी शख्स का नाम जुड़ गया है. जिसमें सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने भी अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर साधा निशाना 
रेवती रमण सिंह ने अखिलेश यादव पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें अनुभव की जरूरत नहीं है. सपा को खड़ा करने वाले मुलायम सिंह यादव के सभी सहयोगियों की उपेक्षा की गई है. राज्यसभा सांसद रेवती रमण सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में मनमानी की, उसके बाद विधानसभा चुनाव में भी उनकी अनदेखी की गई. अखिलेश यादव ने उनसे वादा करने के बावजूद उनके करीबियों के टिकट विधानसभा चुनाव में काट दिए.

राजनैतिक भविष्य को लेकर कही ये बात 
कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा कि अगर अखिलेश यादव उनके मुताबिक टिकटों का बंटवारा करते तो प्रयागराज में सपा आठ विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करती. राज्यसभा में इस बार प्रत्याशी नहीं बनाए जाने की बात पर रेवती रमण सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव को अनुभवी लोगों की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कई बार सीएम योगी और उप राष्ट्रपति वैकैया नायडू ने उनके कार्यों की सराहना की है, हो सकता है अखिलेश यादव को यह बात नागवार गुजरी हो. जिसके चलते उन्हें इस बार राज्यसभा नही भेजा जा रहा है. कुंवर रेवती रमण सिंह ने कहा कि राजनैतिक भविष्य को लेकर वह अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बातचीत कर रहें हैं. जल्द ही वह राजनैतिक तौर पर अपने भविष्य को लेकर फैसला लेंगे. 

सपा की जगह घर पर लहरा रहा भगवा ध्वज
वहीं, सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक कुंवर रेवती रमण सिंह के जिस घर पर कभी सपा का झंडा लहराया करता था. उस जगह पर अब भगवा ध्वज लहरा रहा है. ऐसे में कयासों का बाजार गर्म हो गया है. माना जा रहा है कि जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. उसकी वजह भी है, क्यूंकि कुंवर रेवती रमण सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद घनिष्ठ संबंध हैं. कई बार सीएम योगी ने सदन में सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के कार्यों की सराहना कर चुके हैं. 

पूर्वांचल के बड़े भूमिहार नेताओं में होती है गिनती
कुंवर रेवती रमण सिंह की गिनती पूर्वांचल के बड़े भूमिहार नेताओं में होती है. रेवती रमण सिंह प्रयागराज के करछना विधानसभा से पहली बार 1974 में विधायक बने, उसके बाद से वह करछना से लगातार आठ बार जीतते रहे हैं. इस दौरान तीन बार वह यूपी सरकार में मंत्री भी बने थे. वर्ष 2004 के लोकसभा के आम चुनाव में रेवती रमण सिंह ने बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे. उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी. 2016 में उन्हें सपा ने राज्यसभा भेजा था. 

राज्यसभा का टिकट ना मिलने पर समर्थकों में नाराजगी 
कुंवर रेवती रमण सिंह को राज्यसभा में टिकट नहीं मिलने से उनके समर्थकों में नाराजगी है. समाजवादी पार्टी से जुड़े उनके दर्जनों समर्थक अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों के भीतर कुंवर रेवती रमण सिंह राजनैतिक भविष्य को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं. अगर समाजवादी पार्टी का दामन रेवती रमण सिंह ने छोड़ा तो यह समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा. क्योंकि पूर्वांचल की तीन दर्जन से अधिक सीटों पर भूमिहार मतदाताओं की निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के लिए यह पूर्वांचल में सबसे बड़ा झटका होगा. 

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