Radha Ashtami 2022: दुल्हन की तरह सजा बरसाना, राधाजी के जन्म पर रात भर गाए गए बधाई गीत, भक्तों ने किए महाभिषेक के दर्शन
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Radha Ashtami 2022: दुल्हन की तरह सजा बरसाना, राधाजी के जन्म पर रात भर गाए गए बधाई गीत, भक्तों ने किए महाभिषेक के दर्शन

Radha Ashtami 2022: बृषभान नंदिनी ने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को जन्म लिया. प्रकट विग्रह को चांदी की चौकी और रजत पात्र में विराजमान कर सेवायतों ने मूल शांति के लिए 27 कुओं का जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 तरह की औषधियों, 27 मेवा व 27 ब्राह्मण, सोने चांदी की मूल मूलनी और कांस्य के बने तेल के छाया पात्र के साथ हवन किया. 

Radha Ashtami 2022: दुल्हन की तरह सजा बरसाना, राधाजी के जन्म पर रात भर गाए गए बधाई गीत, भक्तों ने किए महाभिषेक के दर्शन

मथुरा/कन्हैया लाल शर्मा: भगवान श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति श्री राधा रानी के धाम बरसाना में राधा रानी का जन्म अभिषेक ब्रह्म मुहूर्त में परंपरागत रूप से विधि पूर्वक संपन्न हुआ. इसके बाद पुजारियों ने 1 घंटे तक राधा रानी के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक किया. देश विदेश से आये लाखों भक्तों ने महाभिषेक के दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया. भक्तों ने नाच-गाकर राधे जी के जन्म की खुशियों का इजहार किया. 

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राधारानी के जन्मोत्सव की धूम
भगवान श्रीकृष्ण की प्रियतमा राधारानी के जन्मोत्सव की धूम वैसे तो सारे देश में मची हुई है, पर इसका असली रूप तो बरसाना में देखने को मिला. बृषभान नंदिनी ने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को जन्म लिया. प्रकट विग्रह को चांदी की चौकी और रजत पात्र में विराजमान कर सेवायतों ने मूल शांति के लिए 27 कुओं का जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 तरह की औषधियों, 27 मेवा व 27 ब्राह्मण, सोने चांदी की मूल मूलनी और कांस्य के बने तेल के छाया पात्र के साथ हवन किया. इसके बाद दूध, दही, शहद, बूरा, इत्र, घी, गुलाबजल, गोघृत, पंच मेवा, पंच नवरत्न, केसर आदि से राधारानी के श्रीविग्रह का करीब एक घंटे तक अभिषेक किया. अभिषेक और इस अलौकिक नजारे के लाखों भक्तों ने दर्शन किए. 

दुल्हन की तरह सजा बरसाना
इस अवसर पर पूरे बरसाना खासकर श्रीजी महल को दुल्हन की तरह सजाया गया.  रंग-बिरंगी रोशनियों से समूचा कस्बा जगमग हो उठा. जगह-जगह पर हो रहीं भजन संध्याओं ने ऐसा समा बांधा कि भजनों की धुन पर श्रद्धालुओं के कदम खुद थिरकने लगे. जन्मोत्सव में शामिल होने आये देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने जमकर उपहार लूटे और लुटाए.

रात भर गाए गए बधाई गीत
राधा जन्मोत्सव की धूम बरसाना के कोने-कोने में देखी गई. जगह-जगह सोलह शृंगार से सजी-धजी सखियां नाच गा रहीं थीं. मंदिर प्रांगण में भी रातभर भक्तों द्वारा बधाई गाकर नृत्य किया गया. तमाम नामी ग्रामी कलाकारों ने भी बरसाना में प्रस्तुति दी. लाडलीजी मंदिर के सेवायत संजय गोस्वामी ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को वनखंडी सेठ के परिवार की चाव आने के बाद रात को श्रीजी महल में भजन संध्या और जच्चा-बच्चा के पद गाए गए. 

दर्शन करने से मिलता है सौभाग्य
मंदिर रिसीवर के अनुसार विष्णु पुराण में वर्णित प्रक्रिया से लाडली जू का जन्म अभिषेक और मूल शांति पूजा होती है. गंडमूल के नक्षत्र में जन्म लेने के कारण श्रीजी के सहस्त्र नामों में से एक नाम मूलों भी है. मूल शांति के कारण सप्तमी की रात में वैमाता, नवग्रह, गणेश, वरुण, वेदी, गृह शांति हवन आदि भी किए जाते हैं. राधाष्टमी के दिन श्रीजी डोले में विराजमान होकर महल के नीचे छतरी में पधारती हैं. इस दौरान भक्तों को समीप से उनके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है.

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