आलम चंद का कहना है कि वह पाकिस्तान में मुस्लिमों की प्रताड़ना से परेशान हो कर भारत आया था. 2013 में उसे भारत की नागरिकता मिल गई थी.उसके बेटे सरकारी नौकरी में नहीं है बल्कि उसके साथ बेकरी का काम देखते हैं.
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श्याम तिवारी/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पिछले तीन दशक से एक पाकिस्तानी नागरिक आलम चन्द्र इसरानी भारत में रह रहा था. आलम चन्द्र इसरानी लंबी अवधी का वीजा लेकर पिछले 32 साल से कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रहा रहा था. जानकारी के मुताबिक इसरानी यहां पर फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड बनवाकर रहने लगा. इस दौरान वह सरकारी सुविधाओं का भी पूरा लाभ ले रहा था. पूरा मामला सामने तब आया जब आलोक कुमार नाम के एक वकील ने पाकिस्तानी नागरिक और उसके दो बेटों के खिलाफ जूही थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.
बेटों ने पा ली सरकारी नौकरी
आलोक कुमार ने बताया कि बीते 32 सालों से आलम चंद्र इसरानी पाकिस्तानी नागरिक होने के बावजूद भारत में रह रहा है. भारत में रहने के दौरान आलम चंद ने फर्जी दस्तावेज तैयार करते हुए आधार कार्ड भी बनवा लिया. आलम चंद्र इसरानी के दो बेटे हैं. 1990 में पाकिस्तान से भारत आया आलम चंद इसरानी लंबी अवधि का वीजा लेकर भारत में रहने आया था. इसके बाद जालसाजी से उसने फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा लिए. भारत की नागरिकता दिखाते हुए आरोपी के एक बेटे ने एयरपोर्ट में नौकरी पा ली. दूसरे लड़के ने सरकारी शिक्षक की नौकरी पा ली.अब इस पूरे मामले में न्यायालय के आदेश पर मुकदमा जूही थाने में दर्ज हुआ है.
आलम चंद बोला- पाकिस्तान में मुस्लिमों से प्रताड़ित होकर भारत आया था
आलम चंद का कहना है कि वह पाकिस्तान में मुस्लिमों की प्रताड़ना से परेशान हो कर भारत आया था.2013 में उसे भारत की नागरिकता मिल गई थी.उसके बेटे सरकारी नौकरी में नहीं है बल्कि उसके साथ बेकरी का काम देखते हैं.अभी बेटों को भारत की नागरिकता नहीं मिली है.कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में मामला दर्ज हुआ है.पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
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